जोड़ने का काम करती हैं भाषायें : राम नाईक

गुवाहाटी में भव्य समारोह में हुआ राज्यपाल की पुस्तक के असमिया संस्करण का लोकार्पण

लखनऊ : गुवाहाटी के श्रीमंत शंकरदेव कला क्षेत्र प्रेक्षागृह में शनिवार को उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक की पुस्तक ‘चरैवेति!चरैवेति!!’ के असमिया संस्करण के लोकार्पण में असम एवं मिजोरम के राज्यपाल जगदीश मुखी, असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस, सिक्किम के राज्यपाल गंगा प्रसाद, अरूणाचल प्रदेश के राज्यपाल ड बी0डी0 मिश्रा, मेघालय के राज्यपाल तथागत राॅय, उत्तर प्रदेश सरकार के ग्राम्य विकास एवं स्वास्थ्य राज्यमंत्री डाॅ0 महेन्द्र सिंह, चाणक्य वार्ता के संरक्षक लक्ष्मी नारायण भाला, चाणक्य वार्ता के सम्पादक एवं दिव्य परिवार के अध्यक्ष डाॅ0 अमित जैन सहित बड़ी संख्या में विशिष्टजन उपस्थित हुये। डाॅ0 श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती पर राज्यपाल नाईक सहित अन्य महानुभावों ने डाॅ0 श्यामा प्रसाद मुखर्जी के चित्र पर माल्यार्पण कर अपनी आदरांजलि अर्पित की। कार्यक्रम में सभी अतिथियों का सम्मान अंग वस्त्र, स्मृति चिन्ह व पुष्प गुच्छ भेंट कर किया गया। इस अवसर पर चाणक्य वार्ता पूर्वोत्तर राज्यों पर केन्द्रित विशेषांक का विमोचन भी हुआ।

राज्यपाल नाईक ने लेखक की भूमिका में बोलते हुये कहा कि भाषायें जोड़ने का काम करती हैं। यह सुखद संगम आज पुस्तक विमोचन समारोह में देखने को मिल रहा है। पुस्तक पर प्रकाश डालते हुये राज्यपाल ने बताया कि उन्होंने मराठी दैनिक सकाल में प्रकाशित अपने संस्मरणों का संकलन किया है, जिसे पुस्तक ‘चरेवैति!चरेवैति!!’ का रूप दिया गया है। पुस्तक ‘चरैवेति!चरैवेति!!’ का अब तक मराठी सहित हिन्दी, उर्दू, अंग्रेजी, गुजराती, संस्कृत, सिंधी, अरबी, फारसी तथा जर्मन भाषा और ब्रेल लिपि में हिन्दी, अंग्रेजी एवं मराठी में लोकार्पण हुआ है। अब असमिया भाषा में प्रकाशन होने से पुस्तक 11 भाषाओं तथा ब्रेल लिपि 3 भाषाओं में पाठकों के लिये उपलब्ध है। किसी संस्मरणात्मक पुस्तक का इतनी भाषाओं में प्रकाशन एक उपलब्धि के समान है।

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