अमीरों पर बढ़ा टैक्स का बोझ, आयकर में कोई बदलाव नहीं

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के इस बजट से अमीरों पर टैक्स का बोझ बढ़ गया है। वित्त मंत्री ने 5 करोड़ रुपये या उससे ऊपर की आय वाले अमीरों के लिए टैक्स पर लगने वाला सरचार्ज बढ़ा दिया है। इसके अलावा जिनकी आय 2 से 5 करोड़ के बीच है, उनको 3 फीसद का सरचार्ज देना होगा। 5 करोड़ से ऊपर की आय पर 7 फीसद का सरचार्ज देना होगा। वहीं, इनकम टैक्स के स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया है उसे जस का तस रखा गया है। 

सरकार ने मध्य वर्ग की भी उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। उम्मीद की जा रही थी कि इस बजट में इनकम टैक्स छूट की सीमा को वर्तमान 2.5 लाख से बढ़ाकर कम से कम 3 लाख रुपये किया जाएगा, लेकिन सरकार ने इस बारे में कोई बात नहीं की। इसी तरह माना यह भी जा रहा था कि इनकम टैक्स की धारा 80 (सी) की तरह निवेश पर मिलने वाली छूट की सीमा को वर्तमान 1.5 लाख से बढ़ाकर कम से कम 2 लाख रुपये किया जा सकता है लेकिन यह भी नहीं हुआ।

हालांकि, इससे पहले 1 फरवरी 2019 को पेश हुए अंतरिम बजट में सरकार ने इनकम टैक्स से जुड़ी कुछ घोषणाएं की थी। इससे पहले एक फरवरी को पेश 2019 के अंतरिम बजट में इनकम टैक्‍स एक्‍ट की धारा 87ए के तहत मिलने वाली 2500 रुपए की छूट की सीमा को बढ़ाकर 12,500 रुपए कर दिया गया था। यह उन सभी लोगों के लिए था, जिनकी करयोग्‍य आय 5 लाख रुपए से कम है।

पांच लाख तक की आय करमुक्‍त

अंतरिम बजट में किए गए बदलाव के बाद पांच लाख रुपए तक की आय पूरी तरह से करमुक्‍त हो गई थी। कुल करयोग्‍य आय का मतलब वह आय है, जिसमें से विभिन्‍न इनकम धाराओं के तहत मिलने वाली छूटें घटा ली जाती हैं।

7-8 लाख तक की आय वालों को लाभ

अंतरिम बजट में की गई घोषणाओं से उन सभी लोगों को लाभ मिली है, जिनकी कुल इनकम 7 से 8 लाख रुपए सालाना तक है। इसे एक उदाहरण के साथ समझ सकते हैं। वित्‍त वर्ष 2019-20 के लिए अगर किसी व्‍यक्ति की आय 7.5 लाख रुपए है, तो वह 80सी के तहत 1.5 लाख रुपए का निवेश विभिन्‍न तय मदों में कर सकता है। इसके अलावा, धारा 80सीसीडी(1बी) के तहत एनपीएस में 50 हजार रुपए के निवेश पर छूट मिलती है। इन सबके अलावा, 50 हजार रुपए का स्‍टैंडर्ड डिडक्‍शन का लाभ भी मिलता है। इस तरह 7.5 लाख रुपए की आय से 2.5 लाख रुपए की आय करमुक्‍त हो जाती है और बची हुई 5 लाख रुपए की आय पर वर्तमान इनकम टैक्‍स नियमों के तहत 2.5 लाख रुपए करमुक्‍त हैं और बाकी 2.5 लाख रुपए की आय पर 5 फीसदी टैक्‍स के तहत 12,500 रुपए कर देनदारी बनती है। लेकिन 2019 के अंतरिम बजट में कर छूट को 2500 रुपए से बढ़ाकर 12,500 रुपए कर दिया गया। इस तरह उस रकम पर भी आपको कोई कर अदा नहीं करना पड़ता है।

सीमा पार करने पर देना पड़ता है मोटा टैक्‍स

लेकिन टैक्‍सेबल इनकम की इस सीमा से आपकी आय अगर 10 रुपए भी बढ़ जाती है तो आपको 13,002 रुपए अदा करने होंगे, जिसमें 4 फीसदी सेस भी शामिल है। इन सबके अलावा, एचआरए के रूप में भी लोग 2 लाख रुपए तक की रकम पर टैक्‍स छूट ले सकते हैं। इस तरह देखें तो 8 से 9 लाख रुपए तक की आय वाले भी इनकम टैक्‍स के दायरे से बाहर आ सकते हैं।

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