14 साल बाद आया फैसला, सबूत के अभाव में सभी आरोपी छूटे
मौत के बाद बरी हुए मुन्ना बजरंगी, मुख्तार अंसारी भी दोषमुक्त
नई दिल्ली : दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने उत्तर प्रदेश भाजपा के पूर्व विधायक कृष्णानन्द राय की हत्या के मामले में मुख्तार अंसारी समेत सात आरोपितों को बरी कर दिया है। स्पेशल जज अरुण भारद्वाज ने सभी आरोपितों को बरी करने का आदेश दिया। कृष्णानन्द राय की हत्या 2005 में हुई थी। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले का ट्रायल उत्तर प्रदेश के गाजीपुर से दिल्ली ट्रांसफर कर दिया था। कृष्णानन्द राय की पत्नी अलका राय ने सुप्रीम कोर्ट से इस केस का ट्रायल दिल्ली ट्रांसफर करने की मांग की थी।
आरोपितों में शामिल मुन्ना बजरंगी की पिछले साल बागपत जेल में हत्या हो चुकी है। बुधवार को कोर्ट ने बाकी आरोपितों को भी बरी कर दिया। आरोप था कि 2005 में मुख्तार अंसारी के कहने पर मुन्ना बजरंगी ने साथियों के संग मिलकर कृष्णानंद राय की गाड़ियों पर एके-47 से 400 राउंड गोलियां बरसाई थीं। इस हमले में गाजीपुर से विधायक कृष्णानंद राय के अलावा उनके साथ रहे 6 अन्य लोग भी मारे गए थे। इनके शव से तब 67 गोलियां निकाली गई थीं।
2005 में जब कृष्णानंद राय की हत्या हुई थी तब पूरा पूर्वांचल दहल उठा था। पहली बार पूर्वांचल में एके-47 चली थीं। आरोप था कि कृष्णानंद राय की हत्या कुख्यात मुन्ना बजरंगी ने बाहुबली मुख्तार अंसारी के कहने पर की है। हत्याकांड में मुन्ना बजरंगी, मुख्तार अंसारी, अफजाल अंसारी, राकेश पांडेय, रामू मल्लाह, मंसूर अंसारी, संजीव माहेश्वरी और एजाजुल हक को नामजद किया गया था। अफजाल अंसारी वर्तमान में गाजीपुर से सांसद हैं। मुख्तार अंसारी विधायक हैं तथा जेल में बंद हैं।