लोकसभा चुनावों के प्रचार में सपा-बसपा गठबंधन की सहारनपुर की रैली हो रही थी. मायावती मंच पर आयीं और बीजेपी को हराने के लिए मुसलमानों से गठबंधन को एकतरफ़ा वोट देने की अपील कर गईं. इस बयान को लेकर काफ़ी हो-हल्ला भी मचा. यहां तक कि चुनाव आयोग ने मायावती को 2 दिन के लिए प्रचार छुड़ाकर घर बैठा दिया. सबको लगा जैसे मायावती को अपने बयान की सज़ा मिली है. लेकिन तब शायद किसी ने ये नहीं सोचा था कि मुसलमानों से गठबंधन के पक्ष में आने की अपील करने वाली मायावती दरअसल 2022 के अपने सोशल इंजीनियरिंग फॉर्मूले की नींव रख रही हैं.