जीवन बचाना है तो पानी को बचाना होगा: स्वतंत्र देव

विधायक निधि से होगा बुंदेलखंड में जल संरक्षण का कार्य

लखनऊ : जल संरक्षण के संदर्भ में राज्य स्तरीय कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि जीवन में जल को बचाने का संकल्प भारत के प्रत्येक नागरिक को लेने की जरूरत है जिस प्रकार से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जल संपन्नता के लिए समाज के सभी वर्गों का आवाहन किया है, उसी तरह से जल संरक्षण के कार्य में सब को आगे आना चाहिए। शुक्रवार को परमार्थ समाज सेवी संस्थान एवं बुंदेलखंड जल मंच द्वारा कैफ़ी आज़मी सभागार में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यशाला के उद्घाटन अवसर पर उपरोक्त विचार परिवहन राज्यमंत्री(स्वतंत्र प्रभार)स्वतंत्र देव सिंह ने व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि जीवन को बचाना है तो पानी को बचाना होगा, जल संरचनाओं में जो लोग अतिक्रमण कर रहे हैं उन्हें अपनी मानवीय भूल का एहसास करके जल संरचनाओं को मुक्त कर देना चाहिए| अधिक से अधिक पेड़ लगाएं, उन्होंने संकल्प लिया कि वह अपनी विधायक निधि से बुंदेलखंड में जल संरक्षण का कार्य कराएंगे|

कार्यक्रम के अति विशिष्ट अतिथि उत्तर प्रदेश पुलिस के महानिदेशक सतर्कता महेंद्र मोदी ने कहा की पानी को इंजीनियरिंग नहीं बल्कि पानी के दर्शन से बचाया जा सकता है जल के संरक्षण में इंजीनियरिंग ने संरक्षण की जगह दोहन का काम अधिक किया है। यही कारण है कि आज भूगर्भीय जल खत्म होता जा रहा है गिरता भूजल स्तर हम सब के लिए चिंता का विषय है| भूगर्भीय जल में वाटर रिचार्ज के समय अशुद्ध पानी को कतई ना मिलाएं नहीं तो हजारों साल का शुद्ध जल भी प्रदूषित हो जाएगा, वर्षा के जल को बोरवेल और सोखते के माध्यम से ही रिचार्ज करें| पानी के काम में अधिक बजट की जरूरत नहीं है बल्कि इच्छाशक्ति की जरूरत है उन्होंने अपने द्वारा जमीन पर प्रयोग करके तैयार किए गए एक से अधिक दर्जन मॉडलो के बारे बताया| उन्होंने कहा कि उनकी जो जल संरक्षण पद्धतियां हैं वह बहुत ही कम खर्चीली और जल संरक्षण के क्षेत्र में टिकाऊ है|

केंद्रीय भूगर्भ जल बोर्ड के वरिष्ठ भूगर्भ जल विज्ञानी पीके त्रिपाठी ने कहा कि बुंदेलखंड सहित प्रदेश के कई इलाकों में जिस तेजी से भूगर्भीय जल नीचे जा रहा है यदि समय रहते उसे रोकने का काम नहीं किया गया तो हालात खराब होंगे| राजेंद्र सिंह उप कृषि निदेशक एसएमआई ने कहा की भूगर्भीय जल की वृद्धि के लिए पानी के रिचार्ज को बढ़ाना होगा, प्रतिवर्ष 20 से 40 सेंटीमीटर जलस्तर नीचे जा रहा है, इसको रोकने के लिए तालाबों और जल संरक्षण के अन्य मॉडलों को अधिक से अधिक बढ़ावा दिया जाए, खेत तालाब बुंदेलखंड में जल संरक्षण और सिंचाई के लिए वरदान साबित हो सकते हैं विवेकपूर्ण पानी के उपयोग के लिए टपक सिंचाई पद्धति का प्रयोग करना चाहिए| जल जन जोड़ो अभियान के राष्ट्रीय संयोजक डॉ संजय सिंह ने कहा की परंपरागत जल संरचनाओं के संरक्षण से ही भारत पानीदार होगा पिछले तीन दशकों में जिस प्रकार से हमने जल संरचनाओं के साथ उपेक्षा पूर्ण व्यवहार किया है उसी का नतीजा है कि आज 90% छोटी नदियां या तो सूख गई है या फिर बरसाती नाले बन के रह गई है, तालाब खत्म हो रहे हैं जिसके कारण कई तरह की समस्याएं उत्पन्न हो रही है, जनभागीदारी से हमें तालाबों को बचाना होगा पानी के दर्शन का ज्ञान जल साक्षरता के माध्यम से प्रत्येक नागरिक को कराना होगा तभी भारत दुष्काल मुक्त हो सकता है|

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