उप्र में संगठन को फिर से खड़ा करना कड़ी चुनौती
लखनऊ। लोकसभा चुनाव में पार्टी की करारी शिकस्त के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा अब भितरघात करने वालों की पहचान करने में जुट गई हैं। इसके लिए उन्होंने हाल ही में तीन सदस्यीय अनुशासन समिति गठित की है, जिसकी बैठक शुक्रवार को पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में सम्पन्न हुई। बैठक में समिति के सदस्यों पूर्व विधायक अनुग्रह नारायण सिंह, पूर्व विधायक विनोद चौधरी और पूर्व विधायक राम जियावन ने प्रियंका गांधी के निर्देशों का पालन करने पर चर्चा की। इस दौरान लोकसभा चुनाव में अपेक्षित परिणाम नहीं आने के पीछे पार्टी के जिम्मेदार लोगों को सामने लाने की बात कही गई। अनुशासन समिति ऐसे भितरघातियों को सबक सिखाना चाहती है। पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता बृजेन्द्र कुमार सिंह ने बताया कि आज हुई बैठक में समिति ने यह तय किया गया है कि चुनाव के दौरान उम्मीदवार, पदाधिकारी, आम शुभचिन्तक या किसी कार्यकर्ता के पास अगर पार्टी को नुकसान पहुंचाने की कोई भी जानकारी हो और इसका तथ्यपरक प्रमाण हो, तो वह लिखित रूप से इसे ई-मेल के जरिए बता सकता है। यह ई-मेल उप्र कांग्रेस कमेटी की है और इस पर 05 जुलाई तक सूचना दी जा सकती है।
इसके अलावा समिति के सदस्यों को भी तथ्यों की जानकारी इस तारीख तक दी जा सकती है। इसको लेकर उन्हें पार्टी मुख्यालय में कार्यावधि के दौरान रहने को बोला गया है। अनुशासन समिति के सदस्यों के मुताबिक कांग्रेस महासचिव एवं पूर्वी उप्र प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने उन्हें निर्देश दिये हैं कि पार्टी को यूपी में एक मजबूत स्तर तक स्थापित करने के लिए यह जरूरी है कि हर कार्यकर्ता के मन में अगर किसी भी स्तर पर पार्टी के विरुद्ध किसी भी प्रकार की भितरघात या नुकसान पहुंचाने की जानकारी है तो उसकी शंका का निवारण किया जाए। इसके साथ ही दोषी व्यक्तियों को दण्डित करना भी जरूरी है, जिससे पार्टी कार्यकर्ता पूरे मनोयोग से कांग्रेस को एक मजबूत ताकत बनाने के लिए जुट जाएं। इससे आने वाले चुनावों में पार्टी अपना बेहतर प्रदर्शन करने में सफल हो सकेगी। गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव में पार्टी का उत्तर प्रदेश में बेहद खराब प्रदर्शन रहा। चुनाव में कांग्रेस को अपने उम्मीदवार तक नहीं मिले। उसने दूसरे दलों से आये लगभग तीस नेताओं को टिकट दिया, जो सीधी लड़ाई में भी नहीं आ सके। 17 उम्मीदवार चन्द हजारों में सिमट गये तो 12 उम्मीदवार ही पचास हजार से ज्यादा मत पा सके। सिर्फ संतकबीरनगर से भालचन्द्र यादव को एक लाख से अधिक मत मिले। वह 128506 मत पाकर तीसरे स्थान पर रहे। पार्टी को सिर्फ रायबरेली से राहत मिली, जहां सोनिया गांधी ने भाजपा के दिनेश सिंह को 167178 मतों से हराया।