बिहार में लगातार बिगड़ती जा रही कानून-व्यवस्था को लेकर नीतीश सरकार कठघरे में हैं।लगातार बढ़ रहे अपराध की घटनाओं को देखते हुए महज 20 दिन में ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज दूसरी बार बड़ी बैठक करने जा रहे हैं। पटना में संवाद कक्ष में होने जा रही इस मीटिंग में मुख्य सचिव और डीजीपी के अलावा पुलिस विभाग के आला अधिकारी मौजूद रहेंगे।
बता दें कि प्रदेश में हाल ही में हत्या और कैश लूट की कई बड़ी वारदातों ने कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। बीते एक हफ्ते में राज्य भर में 80 से अधिक हत्याएं और लूट की बड़ी वारदातें हो चुकी हैं।
बता दें कि इसी को लेकर बीते 7 जून को सीएम नीतीश कुमार ने आला अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की थी। इसमें गृह सचिव आमिर सुबहानी और डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे के अतिरिक्त राज्य स्तर के कई आला अधिकारी भी मौजूद थे। लगभग तीन घंटे तक चली इस मीटिंग में सीएम ने अपराध नियंत्रण को लेकर कई आदेश दिए थे।
जिसमें सीएम नीतीश ने कहा था कि बिहार के सारे आइजी और डीआइजी अब महीने में 10 दिन फील्ड में रहा करेंगे। अनुमंडलों में जाकर खुद से जांच किया करेंगे और वहीं रात्रि विश्राम भी करेंगे। वहीं, बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने बताया कि जांच में जो भी पुलिस पदाधिकारी गलत पाए जाएंगे उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
मीटिंग में बताया गया था कि बिहार में मुजफ्फरपुर, वैशाली और पटना सबसे सेंसिटिव जिले हैं, जहां अपराध की घटनाएं सबसे अधिक होती हैं। इसके तहत 8 जून से ही पटना के 9 अनुमंडलों डीजी की टीम को इन्सपेक्शन करने का आदेश दिया गया था।
उस मीटिंग के बाद गृह सचिव आमिर सुबहानी ने बताया था कि सीएम नीतीश कुमार के आदेश के अनुसार अब डीआइजी हफ्ते में 3 दिन, एसपी हफ्ते में 4 दिन, डिप्टी एसपी हफ्ते में 5 दिन गश्ती का अवलोकन करेंगे।पुलिस की गश्ती बढ़ाई जाएगी और पुलिस कप्तान खुद इसकी मॉनिटिरिंग करेंगे।