गणपति का वाहन मूषक अर्थात चूहा है। चूहे का स्वभाव है कि वह प्रत्येक वस्तु, चाहे वह काम की हो या बेकार सबको कुतरकर क्षति पहुंचाता है। इसी प्रकार कुतर्की लोग भी हर कार्य में अपने कुतर्कों द्वारा व्यवधान उत्पन्न करते हैं। श्री गणेश ज्ञान एवं बुद्धि के देवता हैं तथा कुतर्क चूहा है, जिसे गणेश जी ने अपनी सवारी बनाकर अपने नीचे दबा रखा है। इस बात से यह सन्देश मिलता है कि हमें बुरे लोगों की अर्थहीन बातों को हटाकर उनका दमन कर अपने विवेक से काम लेना चाहिए।