कोलकाता : उत्तर 24 परगना के भाटपाड़ा इलाके में पिछले तीन दिनों से जारी हिंसा के बीच वस्तुस्थिति का जायजा लेने के लिए भाजपा के तीन सांसदों का प्रतिनिधिमंडल शनिवार को यहां पहुंचा। प्रतिनिधिमंडल ने गुरुवार की हिंसा में मारे गए दो मृतकों के परिजनों से मुलाकात की और उन्हें पुलिस फायरिंग की घटना की जांच समेत हर संभव मदद का आश्वासन दिया। तीनों सांसदों ने विगत एक महीने से प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में जारी हिंसा के लिए राज्य की ममता सरकार को दोषी ठहराया है। उधर कांग्रेस-माकपा के एक संयुक्त प्रतिनिमंडल ने भी हिंसाग्रस्त इलाके का दौरा कर हालात का जायजा लिया।
प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व दुर्गापुर-बर्दवान के सांसद सुरेंद्र सिंह अहलूवालिया ने किया। दो अन्य सदस्यों में बागपत के सांसद सत्यपाल सिंह और पलामू के सांसद एवं पूर्व डीजीपी बीडी राम शामिल हैं। हिंसा में मारे गए रामबाबू साव और धर्मवीर साव के परिजनों से मुलाकात के बाद अहलूवालिया ने पत्रकारों से कहा कि पूरे इलाके की स्थिति देखने और स्थानीय लोगों से बातचीत के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि पुलिस ने गोली मारकर दोनों निर्दोष लोगों की हत्या की है। पूरे क्षेत्र में विगत एक महीने से जारी हिंसा के लिए उन्होंने राज्य प्रशासन और तृणमूल कांग्रेस सरकार को दोषी ठहराया। उन्होंने बताया कि इस मामले की पूरी रिपोर्ट केन्द्रीय गृहमंत्री एवं भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को सौंपी जाएगी। अहलूवालिया ने कहा कि रामबाबू और धर्मवीर किसी तरह के आंदोलन में शामिल नहीं थे। पुलिस ने उन्हें घर से निकाल कर गोली मारी है। पुलिस कह रही है कि हवा में फायरिंग की गई थी तो क्या रामबाबू और धर्मवीर हवा में उड़ रहे थे? उन्होंने दावा किया कि पुलिस ने एकदम करीब से दोनों को गोली मारी है। तृणमूल कांग्रेस यहां चुनाव हार चुकी है इसीलिए पुलिस को साथ लेकर स्थानीय लोगों से लड़ रही है। लोगों को मौत के घाट उतारा जा रहा है। पुलिस को फायरिंग का निर्देश किसने दिया, किसके कहने पर हत्या की गई, इसकी गहन जांच की जरूरत है। पूरी परिस्थिति का आकलन किया गया है।
मृतकों के परिजनों ने अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि दिनभर काम करके रामबाबू और धर्मवीर अपने-अपने परिवार का खर्च चलाते थे। अब रोजी-रोटी की व्यवस्था कैसे होगी, इसे लेकर चिंता है। मारे गए लोगों के परिजनों ने बताया कि जब हिंसा भड़की थी तब दोनों घर में थे। पुलिस घर में घुस गई थी और उन्हें जबर्दस्ती बाहर निकालकर गोली मारी गई है। उल्लेखनीय है कि गुरुवार को हुई हिंसा के बाद राज्य सरकार ने तत्कालीन पुलिस आयुक्त तन्मय राय चौधरी को पद से हटा दिया था और उनकी जगह पर मनोज वर्मा को बैरकपुर पुलिस आयुक्त नियुक्त किया गया है। गुरुवार को हुई हिंसा के तीन दिन बाद भी क्षेत्र में हालात सामान्य नहीं हैं।
कांग्रेस-माकपा के नेताओं ने भी लिया हालात का जायजा
उधर कांग्रेस और माकपा के संयुक्त प्रतिनिधिमंडल ने भी शनिवार को भाटपाड़ा इलाके का दौरा किया। वाममोर्चा विधायक दल के नेता सुजन चक्रवर्ती और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष व कांग्रेस विधायक अब्दुल मन्नान के नेतृत्व में पहुंचे प्रतिनिधिमंडल ने हिंसा में मारे गये रामबाबू साव और धर्मवीर साव के परिजनों से मुलाकात की और उन्हें हरसंभव मदद का आश्वासन दिया। नेताद्वय ने कहा कि पुलिस की गोली से ही लोगों की मौत हुई है, इस घटना की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। चक्रवर्ती ने कहा कि क्षेत्र को अशांत करने के पीछे पूरी तरह से ममता बनर्जी जिम्मेदार हैं। मुख्यमंत्री यहां के मूल निवासियों को बाहरी बता रही हैं। ये लोग यहां सदियों से रह रहे हैं। उन्होंने कहा कि अर्जुन सिंह जब तृणमूल में थे तब ममता इन लोगों का सम्मान करती थीं और आज जब अर्जुन सिंह तृणमूल छोड़कर भाजपा में चले गए हैं तो उन्हीं लोगों को अपराधी बता रही हैं।