फूड प्रोसेसिंग और कृषि निर्यात में बढ़ावा सहित ये हैं किसान संगठनों की उम्‍मीदें

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 5 जुलाई को वर्ष 2019-20 का बजट पेश करेंगी। इसे लेकर उन्होंने कृषि क्षेत्र के प्रतिनिधियों के साथ अपनी प्री बजट बैठक की। इस बजट से किसानों को कई उम्मीदें हैं। साथ ही कृषि एक्सपर्ट्स ने भी अपनी राय जाहिर की है। आगामी बजट पर कृषि एक्सपर्ट और कृषि संगठनों का कहना है कि इस बजट में सरकार को खाद्य प्रसंस्करण को बढ़ावा देने और कृषि निर्यात को प्रोत्साहित करने के उपाय करने चाहिए। उनका मानना है कि किसानों की आय बढ़ाने के लिए ये जरूरी कदम है।

इसके अलावा कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार को बजट में टैक्स संबंधी मुद्दों पर भी समाधान के रास्ते तलाशने चाहिए। इसके पीछे तर्क है कि केवल कृषि उत्पादन बढ़ा देने से ही किसानों के लिए बेहतर कीमत और ऊंची आय मिल जाए ये जरूरी नहीं है। इसके लिए खाद्य प्रसंस्करण और कृषि से संबंधित गतिविधियों पर ध्यान देने की जरूरत है। इनमें मत्स्य पालन, मुर्गी पालन, पशुपालन को बढ़ावा देने के बारे में सोचना चाहिए।

बजट में कृषि को बढ़ावा देने के लिए विशेषज्ञों की राय में सूक्ष्म सिंचाई का विस्तार करना, किसानों की आय बढ़ाने के लिए तीसरी फसल के रूप में सौर ऊर्जा को बढ़ाना, कृषि से जुड़े रोजगार को बढ़ावा देने के लिए श्रम सुधारों को लागू करना जरूरी सुझाव हैं। इसके अलावा कृषि क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने और किसानों तक बाजार की पहुंच बढ़ाने के लिए भी जोर देना होगा।

कृषि क्षेत्र को बढ़ाने के लिए मिट्टी में कार्बन सामग्री में सुधार के लिए जैविक खाद के प्रोत्साहन को लोकप्रिय बनाने, पूर्वी राज्यों में एक्वा-कल्चर, डेयरी विकास को बढ़ावा देना, ब्रांडेड खाद्य उत्पादन पर जीएसटी कम करना, कृषि केंद्र में अनुसंधान जैसे कुछ जरूरी सुझाव शामिल हैं। किसानों को उम्मीद है कि इस बार के बजट में सरकार कृषि श्रमिकों और भूमिहीन किसानों को पीएम किसान योजना का लाभ देगी।

इसके अलावा भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआइआइ) की मांग है कि सरकार खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र, और ग्रामीण स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए निजी निवेश को बढ़ावा दे। सीआइआइ का सुझाव है कि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के जरिये किसानों को तीसरी फसल के रूप में सौर उर्जा अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।

कृषि विशेषज्ञों की मांग है कि कृषि क्षेत्र में सार्वजनिक और निजी निवेश को पर्याप्त रूप से बढ़ाया जाना चाहिए। कुछ कृषि वस्तुओं, विशेष रूप से दूध उत्पादों पर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) राहत दी जानी चाहिये। कई विशेषज्ञों की मांग है कि खाद्य प्रसंस्करण को बढ़ावा देने से मांग पैदा होगी किसानों को बेहतर कीमतें मिलेंगी।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com