मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को लोकभवन में ई-डिस्ट्रिक्ट योजना के तहत राजस्व लेखपालों को लैपटॉप वितरण का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि सरकार संगठित अपराध पर तो अंकुश लगा सकती है, लेकिन आपसी रंजिश और राजस्व से जुड़े मामले बड़ी समस्या हैैं। त्वरित निस्तारण न होने से राजस्व के छोटे विवाद हिंसा, उपद्रव और दंगे का रूप धारण कर लेते हैं। प्रदेश में कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए राजस्व विवादों का समयबद्ध समाधान जरूरी है। इसका समाधान तकनीक हो सकती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्मार्टफोन और लैपटॉप से लैस हुए लेखपाल तकनीक की मदद से जनता की समस्याएं निपटा कर उसका विश्वास जीतें। यह भी कहने से नहीं चूके कि स्मार्टफोन और लैपटॉप के साथ लेखपाल अपनी कार्यपद्धति से भी स्मार्ट बनें। मुख्यमंत्री ने सवाल किया कि ऐसा क्यों है कि राजस्व अभिलेखों में नाम परिवर्तित कराने में महीनों, वर्षों लग जाते हैं? कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में उप्र का प्रदर्शन और बेहतर हो सकता था यदि अन्य लाभार्थी किसानों के नाम भी समय से फीड कर दिये गए होते।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आय, जाति व निवास प्रमाणपत्र, खतौनी, विरासत को ऑनलाइन किया जा चुका है। जल्द ही खसरा और शजरा भी ऑनलाइन हो जाएंगे। राजस्व विभाग की रिक्तियों को भरने की कार्यवाही जारी है। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने लखनऊ जिले के 21 लेखपालों को प्रतीकात्मक रूप से लैपटॉप बांटे। कार्यक्रम को राजस्व राज्य मंत्री अनुपमा जायसवाल, राजस्व परिषद अध्यक्ष प्रवीर कुमार ने भी संबोधित किया। इस मौके पर अपर मुख्य सचिव राजस्व रेणुका कुमार भी मौजूद थीं।
मतदाता सूची में 25 से 30 फीसद फर्जी वोटर
मुख्यमंत्री ने कहा कि मतदाता सूची के पुनरीक्षण में लेखपालों के साथ बीएलओ को लगाये जाने के बाद भी इसमें गड़बडिय़ां हैं। मतदाता सूची में अब भी 25 से 30 फीसद फर्जी वोटर हैं जबकि बड़ी संख्या में वास्तविक मतदाताओं के नाम गायब हैं। आयुष्मान भारत योजना का जिक्र करते हुए कहा कि छूटे पात्र लाभार्थियों को चिन्हित करने के लिए छह माह में सर्वे पूरा हुआ लेकिन उन्हें अब भी शिकायतें मिल रही हैं।
कार्यक्रम में मोबाइल फोन ले जाने पर लगा प्रतिबंध
बुधवार को लेखपालों को लैपटॉप वितरण कार्यक्रम में भी सभी लोगों के मोबाइल फोन बाहर रखवा लिये गए। बताया गया कि सिर्फ अधिकारियों के ही नहीं बल्कि लैपटॉप लेने आए लेखपालों के मोबाइल फोन भी बाहर रखवा लिए गए। बता दें कि योगी आदित्यनाथ ने मोबाइल फोन को कैबिनेट बैठक के साथ ही सभी समीक्षा बैठकों में भी इस पर बैन लगा दिया है।