ममता के अड़ियल रवैए से गहराया संकट, अब तक नौ मरीजों की मौत

कोलकाता : चिकित्सकों से बातचीत करने के लिए अस्पताल परिसर में नहीं जाने के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के अड़ियल रवैए की वजह से राज्य में स्वास्थ्य संकट रविवार को और अधिक गहराने के आसार हैं। हड़ताली डॉक्टरों ने भी स्पष्ट किया है कि वे हड़ताल से पीछे नहीं हटेंगे। रविवार को भी वे कार्य का बहिष्कार करेंगे। डॉक्टरों की हड़ताल का शनिवार को पांचवां दिन था। राज्य में अब तक नौ लोगों की मौत हो चुकी है। मुख्यमंत्री ने शनिवार को राज्य सचिवालय में पांच घंटे तक जूनियर चिकित्सकों के आने का इंतजार किया लेकिन चिकित्सकों की मांग के अनुसार वह उस एनआरएस अस्पताल में नहीं गई जहां डॉक्टरों को मारा-पीटा गया था। बार-बार बुलावे के बावजूद आंदोलनरत जूनियर चिकित्सकों ने साफ कर दिया है कि मुख्यमंत्री ने गत गुरुवार को सरेआम एसएसकेएम अस्पताल परिसर में आंदोलनरत चिकित्सकों को बाहरी बताया है। आंदोलन के पीछे भाजपा और माकपा का हाथ होने का दावा किया है। यह चिकित्सकों के सम्मान के साथ खिलवाड़ है। ऐसे में मुख्यमंत्री के साथ सचिवालय में बंद कमरे में किसी तरह से कोई बैठक नहीं होगी। मुख्यमंत्री को समस्या के समाधान के लिए एनआरएस अस्पताल में आंदोलनरत चिकित्सकों के सामने आना होगा और वहीं आमने-सामने जो बात हो सकती है।

विगत पांच दिनों से चिकित्सा नहीं मिलने की वजह से परेशान लाखों लोगों की समस्याओं को दरकिनार कर मुख्यमंत्री सचिवालय में देर शाम पत्रकारों को संबोधित करते हुए स्पष्ट कर चुकी हैं कि वह डॉक्टरों के बीच नहीं जाएंगी, सचिवालय में ही डॉक्टरों को आना होगा। इधर ममता के प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद डॉक्टरों ने भी स्पष्ट कर दिया है कि वह अपने आंदोलन पर कायम रहेंगे, वह सचिवालय में नहीं जाएंगे। इसके बाद यह साफ हो चला है कि रविवार को स्वास्थ्य संकट और अधिक गहराने वाला है।ऑल इंडिया मेडिकल काउंसिल ने पश्चिम बंगाल सरकार को शनिवार सुबह अल्टीमेटम दिया था कि 48 घंटे के अंदर चिकित्सकों के समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो सोमवार को देशभर के डॉक्टर हड़ताल करेंगे। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने दूसरी चिट्ठी लिखकर मुख्यमंत्री से चिकित्सकों की समस्याओं के समाधान के लिए कहा है। राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी ने भी चिट्ठी लिखकर मुख्यमंत्री को सलाह दी है कि वह जूनियर डॉक्टरों से मिलकर समस्या का समाधान करें।

बावजूद इसके शनिवार को मुख्यमंत्री आंदोलनरत चिकित्सकों के बीच नहीं जाने के अपने फैसले पर अडिग रही हैं।गत 10 जून की रात जब चिकित्सकों पर हमले हुए थे तब से लेकर शनिवार शाम तक चिकित्सकों के इस हड़ताल की वजह से पूरे राज्य में नौ लोगों की मौत हो चुकी है। इसमें दो बच्चे और दो महिलाएं भी शामिल हैं। मेदिनीपुर जिला अस्पताल में शनिवार को एक दूधमुंहे बच्चे का निधन हो गया, क्योंकि अस्पताल में चिकित्सकों ने उसका इलाज करने से इनकार कर दिया था। इसके बाद घरवालों ने बच्चे के शव को इमरजेंसी में रखकर विरोध प्रदर्शन भी किया था। मुर्शिदाबाद में एक महिला ने बिना इलाज दम तोड़ दिया जबकि शुक्रवार को भी एक महिला की मौत कोलकाता के किसी भी अस्पताल में इलाज नहीं होने के कारण हो गई थी।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com