पश्चिम बंगाल की राजनीति में जय श्रीराम का मुद्दा इन दिनों काफी गर्म है। पिछले दिनों राज्य में कुछ स्थानों पर जय श्रीराम के नारे लगाने पर राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा तीखी प्रतिक्रिया के बाद भाजपा ने इसे एक बड़ा हथियार बना लिया है।
हाल में संपन्न लोकसभा चुनाव में भाजपा ने पूरे देश के साथ-साथ पश्चिम बंगाल में भी शानदार सफलता हासिल की है। वर्ष 2014 के चुनाव में राज्य में जहां भाजपा की झोली में मात्र 2 सीटें थी वहीं इस बार कुल 18 सीटें आ गई हैं। इससे उत्साहित भाजपा ने अब राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव पर अपनी निगाहें टिका दी है। पार्टी हर कदम तृणमूल सुप्रीमो तथा राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को घेरने की रणनीति पर काम कर रही है। इसी रणनीति के तहत जय श्रीराम के नारे को पूरे राज्य में जोर-शोर से उछाला जा रहा है।
भाजपा सूत्रों के अनुसार इस नारे के साथ ममता बनर्जी को अपने जाल में फंसाना है और वो इस जाल में फंसती भी जा रही हैं। इसी का असर है कि उन्होंने जय श्रीराम के नारे पर तीखी प्रतिक्रिया दी। जिसके बाद भाजपा ने राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को जय श्रीराम लिखे लाखों पोस्टकार्ड भेजने का निर्णय लिया है। राज्य के विभिन्न भागों से ममता बनर्जी के नाम हर दिन पोस्टकार्ड भेजे जा रहे हैं। जिसमें जय श्रीराम का नारा लिखा होता है। पूरे राज्य में भाजपा समर्थकों ने बड़े पैमाने पर इस अभियान को चला रखा है। जबकि सिलीगुड़ी की स्थिति इससे कुछ उलट है। सिलीगुड़ी में भाजपा के इस अभियान की हवा निकल गई है। क्योंकि सिलीगुड़ी तथा आसपास के इलाके के अधिकांश डाकघरों में पोस्टकार्ड उपलब्ध ही नहीं है। एक तरह से तो पोस्टकार्डो की बिक्री बंद कर दी गई है।
मिली जानकारी के अनुसार सिर्फ सिलीगुड़ी हेड पोस्ट ऑफिस में ही पोस्टकार्ड उपलब्ध है। जबकि अन्य डाकघरों में पोस्टकार्ड की आपूर्ति 2 वर्ष पहले से ही बंद कर दी गई है। जाहिर है इससे भाजपा समर्थकों को निराशा हुई है। जो भाजपा समर्थक मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को जय श्रीराम लिखे पोस्टकार्ड भेजने का इरादा लेकर डाकघर पहुंच रहे हैं, उन्हें निराश होकर वापस लौटना पड़ रहा है।
हांलाकि ऐसे लोगों की संख्या भी ज्यादा नहीं है। पार्टी समर्थकों में भी उत्साह की कमी देखी जा रही है। विभागीय जानकारी के अनुसार सिलीगुड़ी तथा आसपास के इलाके में करीब 18 डाकघर हैं। इनमें से अधिकांश डाकघरों में पोस्टकार्ड उपलब्ध नहीं है। कोर्ट मोड़ के निकट हेड पोस्ट ऑफिस के अलावा प्रधान नगर, बाबूपाड़ा, पूर्व विवेकानंदपल्ली, देशबंधुपाड़ा, लेक टाउन, भक्तिनगर आदि इलाके के डाकघरों में हर दिन भारी संख्या में लोग विभिन्न डाक सेवाओं के लिए आते हैं। जबकि इनमें से हेड पोस्ट ऑफिस को छोड़ अधिकांश डाकघरों में पोस्टकार्ड उपलब्ध ही नहीं है। विभागीय सूत्रों ने कहा है कि पोस्टकार्ड की मांग नहीं के बराबर रह गई है।
यही वजह है कि करीब 2 साल पहले अधिकांश डाकघरों में पोस्टकार्ड की आपूर्ति बंद कर दी गई। इस मामले में जब प्रधान नगर डाकघर के कार्यवाहक पोस्ट मास्टर कुंदन कुमार से बात की गई तो उन्होंने साफ-साफ कहा कि जब कोई पोस्टकार्ड मांगने ही नहीं आता तो भला उसे रखकर क्या फायदा। पहले गरीब लोगों को कम खर्च पर डाक सेवा उपलब्ध कराने के लिए पोस्टकार्ड की व्यवस्था की गई थी। इस महंगाई के जमाने में भी पोस्टकार्ड की कीमत मात्र 50 पैसे है। उसके बाद भी अब कोई पोस्टकार्ड खरीदने नहीं आता। वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य पर उन्होंने कहा कि पिछले 10 से 15 दिनों में कोई पोस्टकार्ड खरीदने आया हो,ऐसा उन्हें याद नहीं है।
दूसरी ओर सिलीगुड़ी हेड पोस्ट ऑफिस में पोस्टकार्ड की बिक्री हो रही है। फिर भी यह इतनी अधिक नहीं है,जिससे लगे कि वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य के कारण बिक्री बढ़ी है। मुख्य डाकघर की पोस्ट मास्टर सुरंजना गोप ने बताया है कि पोस्टकार्डो की बिक्री बढ़ी है,ऐसा उन्हें नहीं लगता। उन्हें तो पता ही नहीं है कि कोई जय श्रीराम के नारे लिखकर मुख्यमंत्री को भेजने के लिए पोस्टकार्ड खरीद रहा है। इस डाकघर से औसतन हर दिन दो सौ से तीन सौ पोस्टकार्डो की बिक्री होती थी। अब यह संख्या जरूर बढ़कर चार सौ से पांच सौ हो गई है। कुछ इसी तरह की बातें डाकघर के ट्रेजरर रतन सरकार ने कही। उन्होंने कहा कि पोस्टकार्ड की मांग लगभग नहीं के बराबर है। हो सकता है अन्य डाकघरों में पोस्टकार्ड नहीं मिलने के कारण यहां की बिक्री बढ़ गई हो।
क्या कहना है भाजपा नेता का: दूसरी ओर भाजपा ने ऐसे किसी अभियान से ही इंकार कर दिया है। भाजपा के जिला उपाध्यक्ष रजत भारद्वाज ने कहा कि राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी जय श्रीराम नारे का विरोध करती हैं। इसलिए उनके खिलाफ मोर्चा खोला गया है। उनको जय श्रीराम लिखे पोस्टकार्ड भेजे जा रहे हैं। लेकिन ऐसा भाजपा नहीं कर रही। भाजपा के कुछ उत्साही कार्यकर्ता पोस्टकार्ड भेज रहे हैं। रजत भारद्वाज ने डाकघरों में पोस्टकार्ड की आपूर्ति बंद किए जाने की बातों को भी खारिज कर दिया। उनका दावा है भाजपा समर्थकों द्वारा अधिक संख्या में पोस्टकार्ड खरीदने के कारण डाकघरों में इसकी किल्लत हो गई है।