लखनऊ। नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने कहा है कि नोटबंदी के की आड़ में देश में आजाद भारत का सबसे बड़ा स्कैम हुआ है। सुप्रीमकोर्ट की निगरानी में इस स्कैम की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए और इसके दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए ताकि आने वाले दिनों में कोई इस तरह का देश विरोधी कार्य नहीं कर सके।
चौधरी ने कहा है कि ताजुब्ब है कि आरटीआई से दो मामले उजागर होने के बाद भी भारत सरकार स्कैम के इस मामले में चुप्पी साधे हुए है। उन्होंने कहा है कि इस स्कैम का पहला मामला है अहमदाबाद सहकारी बैंक का जहां नोटबन्दी के चार दिन में 745.59 करोड़ जमा हुए हैं। दूसरा राजकोट सहकारी बैंक का जहां नोटबन्दी के बाद 693.19 करोड़ रुपए जमा हुए हैं।
चौधरी ने कहा है कि सहकारी बैंक में जमा इस धन की नमूने के रूप में जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा है कि इसमें से एक सहकारी बैंक से भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह सीधे जुड़े हैं। दूसरे से गुजरात सरकार के एक मंत्री जुड़े हैं। इसलिए यह मामला काफी गम्भीर है। इसे लेकर राजनीतिक सुचिता पर सवाल उठ रहे हैं। इसलिए राजनीतिक जीवन की सुचिता बनाये रखने खुद इन लोगों को भी इस स्कैम की सुप्रीमकोर्ट की निगरानी में जांच की मांग करनी चाहिए।
चौधरी ने कहा कि सहकारी बैंकों का इंफ्राइस्ट्रक्चर किसी से छिपा नहीं है। इसलिए यह मामला प्रथम दृष्टि में असहज करने वाला और बड़े स्कैम का लग रहा है। उन्होंने कहा कि जब केवल दो स्थानों पर ही मामला हज़ार करोड़ से अधिक का है, तब राष्ट्रीय स्तर पर यह मामला कितने का होगा, फिलहाल इसका कयास लगाना भी मुश्किल है। इसलिए सुप्रीमकोर्ट की निगरानी में इस स्कैम की उच्चस्तरीय जांच होनी ही चाहिए।