मध्यप्रदेश के बुंदेलखंड में जल संकट इतना गहरा गया है कि पन्ना, दमोह, छतरपुर और टीकमगढ़ जिले के कई गांवों के लोग पलायन कर दूसरी जगह चले गए हैं। क्षेत्र में करीब एक हफ्ते से तापमान 45 डिग्री से ऊपर बना हुआ है। जिससे जल स्रोत तालाब, कुएं और हैंडपंप पूरी तरह सूख गए हैं। पन्ना जिले के 50 से ज्यादा गांवों में यही स्थिति है। छतरपुर जिले के राजनगर, बड़ामलहरा, बिजावर, बक्शवाहा सहित कई इलाकों से भी ग्रामीण पलायन कर गए हैं।
दमोह जिले के तेंदूखेड़ा ब्लाक के अंतर्गत आने वाले भी कई गांव में जलसंकट बना हुआ है। बैलवाड़ा और मानपुरा ग्राम पंचायत के गांव में लोगों को जंगल में पानी की तलाश में जाना पड़ता है। वहीं पांड़ाझिर गांव ऐसा है जहां के लोगों को गर्मी के दिनों में जबलपुर जिले में पलायन करना पड़ता है। यहां के 80 प्रतिशत घरों में ताले डले हैं, क्योंकि यहां पानी का कोई भी साधन नहीं है। पांड़ाझिर गांव में पहली बार नहीं बल्कि कई वर्षों से पानी की समस्या बनी है। लोगों का कहना है उन्होंने कई बार पानी की पुष्टि के लिए अधिकारियों के साथ जनप्रतिनिधियों से गुहार लगाई, लेकिन उन्होंने उनके गांव की ओर ध्यान नहीं दिया।
टीकमगढ़ जिले के मस्तापुर में पानी की कमी से बुरा हाल है। यहां जतारा जनपद के गांवों में भी हैंडपंप सूख चुके हैं और पीने के पानी मिलना भी मुश्किल हो गया है। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक मध्यप्रदेश में पड़ रही भीषण गर्मी में 80 से ज्यादा बड़े जल स्त्रोत सूख गए हैं। वहीं प्रदेश के गांवों में 40 हजार से ज्यादा हैंडपंप ने काम करना बंद कर दिया है।