अलीगढ़ के टप्पल में ढाई साल की बच्ची की नृशंस हत्या के सिलसिले में पुलिस ने अब तक 4 लोगों को गिरफ्तार किया है. इसमें मुख्य आरोपी जाहिद, उसकी पत्नी शगुफ्ता, भाई मेहंदी हसन और असलम शामिल हैं. वहीं इस हत्याकांड को लेकर आज बुलाई गई महापंचायत को रद्द कर दिया गया है. इलाके में तनाव को देखते हुए और सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए भारी पुलिस फोर्स तैनात किया गया है. इसमें पीएसी, यूपी पुलिस के सिपाही और आरएएफ के सिपाहियों को तैनात किया गया है. करीब 1200 पुलिसवाले टप्पल में तैनात हैं. पुलिस और अर्धसैनिक बलों की ओर से इलाके में तनाव को देखते हुए फ्लैग मार्च भी किया गया है.
पुलिस ने मुख्य आरोपी जाहिद और असलम को पहले ही गिरफ्तार किया था. शनिवार सुबह जाहिद की पत्नी शगुफ्ता और भाई मेहंदी हसन को एसआईटी ने गिरफ्तार किया. अलीगढ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आकाश कुलहरि ने बताया कि पुलिस आरोपियों के खिलाफ मजबूत केस बना रही है ताकि यह सभी कानूनी प्रक्रियाओं पर खरा उतरे और फास्ट ट्रैक कोर्ट के जरिए तेजी से न्याय सुनिश्चित हो सके. सभी संदिग्धों के फोन रिकार्ड चेक किए जा रहे हैं. कुलहरि शुक्रवार देर रात तक घटनास्थल पर मौजूद थे.
उन्होंने चेताया कि अगर कोई अफवाह फैलाने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल करता है या शांति भंग करने का प्रयास करता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. कुलहरि ने पुष्टि की कि जो दो लोग पकड़े गये हैं, उनमें से एक की उम्र लगभग 43 साल है और उसका आपराधिक इतिहास भी है. उसके खिलाफ गुंडा एक्ट लग चुका है और नाबालिगों के साथ यौन अपराध के लिए दो बार कार्रवाई हुई है.
उन्होंने बताया कि उक्त आरोपी के खिलाफ पाक्सो के दो अलग अलग मामले तथा बलात्कार का एक मामला लंबित है. दिल्ली में अपहरण के एक मामले में वह जेल गया था. पुलिस ने बताया कि आरोपी असलम के खिलाफ 2014 और 2017 में पाक्सो एक्ट के तहत कार्रवाई हो चुकी है. उस पर उत्तर प्रदेश के गुंडा एक्ट के तहत भी कार्रवाई पूर्व में हुई है. पाक्सो का दूसरा मामला दिल्ली के गोकुलपुरी का है, जिसमें आरोपी ने नाबालिग का अपहरण भी किया था.
एसएसपी ने बताया कि तीन डाक्टरों के पैनल ने बच्ची के शव का पोस्टमार्टम किया. उन्हें बलात्कार का कोई साक्ष्य नहीं मिला हालांकि फोरेंसिक विशेषज्ञ नमूनों की जांच कर रहे हैं. इस बीच नृशंस हत्या के खिलाफ विरोध प्रकट करने के लिए नगर में कई जगहों पर कैंडल लाइट जुलूस निकाले गये.
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के शिक्षकों एवं छात्रों ने इस जघन्य हत्या की कड़ी निंदा की है. उन्होंने अपराध को अंजाम देने वालों को जल्द और कडा से कडा दंड देने की मांग की. एएमयू शिक्षक संघ की विशेष बैठक में मांग की गयी कि फास्ट ट्रैक कोर्ट का तत्काल गठन किया जाए. एएमयू के छात्रों ने परिसर में कैंडल लाइट मार्च किया. छात्रों ने कानून में बदलाव की मांग की ताकि ऐसे अपराधियों को उसी तरह का कडा दंड मिल सके, जैसा सउदी अरब में मिलता है. एसएचओ सहित पांच पुलिसकर्मियों को मामले में कथित लापरवाही बरतने के लिए निलंबित कर दिया गया है.
बच्ची टप्पल कस्बे से 30 मई को गायब हुई थी. उसका शव तीन दिन बाद घर के पास कूड़े के ढेर पर पडा मिला. अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था आनंद कुमार ने शुक्रवार को कहा था कि मामला त्वरित गति से चलाया जाएगा. प्राथमिकी में पाक्सो भी शामिल किया जाएगा. फिलहाल बलात्कार की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता. नमूने फोरेंसिक जांच के लिए भेजे गये हैं. इस बीच अलीगढ़ बार एसोसिएशन के सचिव अनूप कौशिक ने ऐलान किया कि कोई भी वकील इस मामले में किसी भी आरोपी की ओर से अदालत में पेश नहीं होगा.