मुख्यमंत्री के समक्ष पंचायतीराज विभाग का प्रस्तुतिकरण
लखनऊ : प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ग्राम पंचायतों को विकास की धुरी बनाया जाए, ताकि गांवों में सभी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध करायी जा सकें। उन्होंने कहा कि राज्य के सभी गांवों में अपना एक सचिवालय हो, ताकि गांवों से सम्बन्धित विभिन्न गतिविधियों जैसे-आय प्रमाण-पत्र, जाति प्रमाण-पत्र इत्यादि का प्रभावी निस्तारण ग्राम स्तर पर ही किया जा सके। ग्रामीणों की समस्याओं के समाधान के लिए ग्राम, क्षेत्र तथा जिला पंचायत की जिम्मेदारी तय की जाए। पंचायत भवनों को ही ग्राम सचिवालय के रूप में विकसित किया जाए। उन्होंने ग्राम विकास के उद्देश्य से तैनात किए गए सभी कर्मियों के सही उपयोग के निर्देश देते हुए कहा कि यदि सभी कर्मी अपने-अपने दायित्वों का सही निर्वहन करेंगे तो गांवों के विकास में तेजी आएगी और समय के साथ इनका पूरा विकास किया जा सकेगा।
मुख्यमंत्री ने यह विचार शनिवार को यहां अपने सरकारी आवास पर पंचायतीराज विभाग द्वारा संचालित योजनाओं एवं अभिनव कार्यों पर दिए गए प्रस्तुतिकरण का अवलोकन करने के दौरान व्यक्त किए। उन्होंने गांवों की साफ-सफाई पर विशेष बल देते हुए निर्देश दिए कि गांवों में घरों से निकलने वाले कूड़े तथा अन्य अपशिष्ट को गांव से दूर एक गड्ढे में इकट्ठा कर इसकी कम्पोस्ट खाद बनाकर उसका उपयोग किया जाए। उन्होंने प्रत्येक गांव में अनिवार्य रूप से बनाए जाने वाले खाद के गड्ढे का भी प्रभावी उपयोग सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि गांवों से निकलने वाले गंदे पानी को दूर गड्ढा बनाकर उसमें गिराया जाए। इसे गांवों में मौजूद कुओं/तालाबों में न गिराया जाए, अन्यथा पीने वाला पानी दूषित होकर स्वास्थ्य के लिए एक समस्या बनेगा। उन्होंने प्लास्टिक के उपयोग पर भी पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि गांवों में तैनात स्वच्छता कर्मियों से ग्रामों की सफाई करवायी जाए और उनकी बायोमीट्रिक हाजिरी सुनिश्चित की जाए। बैठक के दौरान मुख्य सचिव डा0 अनूप चन्द्र पाण्डेय, सचिव पंचायतीराज प्रीती शुक्ला, स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के परियोजना निदेशक आकाश दीप, पंचायतीराज निदेशक मासूम अली सरवर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।