लखनऊ से गाजीपुर तक प्रस्तावित पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के जरिये भविष्य में बिहार पहुंचना आसान होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूर्वांचल एक्सप्रेसवे को लेकर अखिलेश सरकार के फैसले को पलटते हुए अब इसका विस्तार बिहार से सटे बलिया जिले तक करने का निर्देश दिया है। बलिया तक विस्तार होने पर पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे की लंबाई मौजूदा 340 किलोमीटर से बढ़कर लगभग 400 किलोमीटर हो जाएगी। पड़ोसी राज्य बिहार की सीमा के करीब तक एक्सप्रेस-वे के विस्तार के लिए राज्य सरकार अब केंद्र से मंजूरी लेगी।
पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का निर्माण लखनऊ से गाजीपुर तक किया जा रहा है। हालांकि पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का तानाबाना बुनने वाली अखिलेश सरकार ने पहले इसे लखनऊ से बलिया तक प्रस्तावित किया था। बलिया की सीमा बिहार से मिलती है। पड़ोसी राज्य की सीमा से एक निश्चित दूरी के अंदर एक्सप्रेस-वे का निर्माण करने पर राज्य सरकार को नियमत: केंद्र की मंजूरी लेनी पड़ती हैै। अखिलेश सरकार ने यह सोचा कि केंद्र से मंजूरी मिलने में देर हुई तो पिछले विधानसभा चुनाव से पहले वह पूर्वांचल एकसप्रेस-वे का शिलान्यास नहीं कर पाएगी। इसलिए बाद में पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे को लखनऊ से बलिया के बजाय गाजीपुर तक बनाने का निर्णय हुआ।
योगी सरकार भी इसी लीक पर चली। बाद में पूर्वांचल के जिलों से इस एक्सप्रेस-वे का विस्तार बलिया तक करने की मांग उठी ताकि इसका लाभ ज्यादा से ज्यादा लोगों को मिल सके। तर्क दिया गया कि यदि भविष्य में बिहार सरकार पटना से बलिया में उप्र की सीमा तक तक कोई एक्सप्रेस-वे बनाता है तो यमुना, आगरा-लखनऊ और पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के जरिये दिल्ली से पटना का सफर आसान हो जाएगा।
इन बातों को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री ने 21 मई को हुई बैठक में पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे को बलिया तक विस्तार देने का निर्देश दिया है। हालांकि वह विधानसभा में भी पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का विस्तार बलिया तक करने के बारे में घोषणा कर चुके हैं।
मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद यूपीडा अब सर्वेक्षण कराएगा। मौजूदा योजना के तहत पूर्वांचल एक्सप्रेस गाजीपुर के हैदरिया में खत्म होगा जहां से बलिया 51 किमी दूर है और यह राष्ट्रीय राजमार्ग 31 से जुड़ा है। इसे गाजीपुर से मांझीघाट वाया बलिया एक अन्य ग्रीन फील्ड मार्ग को छह लेन बना कर बलिया तक जोड़े जाने पर विचार हो रहा है।