छात्र वासु यादव की हत्या के बाद चर्चा में आए रानीपोखरी स्थित चिल्ड्रन होम ऐकेडमी की मान्यता केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने रद कर दी है। विद्यालय में मानकों की अवहेलना और सुरक्षा संबंधी व्यवस्था ना होने के चलते बोर्ड ने यह फैसला किया। कुछ दिन पूर्व ही राज्य सरकार ने स्कूल की एनओसी रद की थी।
बीते 10 मार्च को रानीपोखरी स्थित चिल्ड्रन होम ऐकेडमी के छात्र वासु यादव की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। शुरुआत में विद्यालय प्रबंधन ने इसे फूड प्वाइजनिंग से हुई मौत बताकर मामला दबाने की कोशिश की, लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गंभीर चोटों और अत्यधिक आंतरिक रक्तस्नाव के चलते मौत होने की पुष्टि हुई।
परिजनों की तहरीर पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया। आरोपितों ने बुरी तरह पीटकर वासु की हत्या करने की बात भी कबूल की थी। उसके बाद स्कूल प्रशासन ने वासु के पिता से एक एफिडेविट पर हस्ताक्षर करवाकर शव को चिल्ड्रन होम ऐकेडमी में ही दफन कर दिया गया था। इस मामले का बाल संरक्षण आयोग ने भी संज्ञान लेकर पूरे मामले की विस्तार से जांच करने के निर्देश दिए थे। साथ ही शासन ने भी इसका संज्ञान लिया था।
स्कूलों पर निगाह रखेगी विशेष टीम
स्कूलों में लगातार आ रहे लापरवाही के मामलों को गंभीरता से लेते हुए जल्द ही देहरादून रीजन की ओर से एक विशेष टीम गठित की जाएगी। यह टीम बोर्ड से जुड़े स्कूलों में व्यवस्थाओं आदि को लेकर निरीक्षण करेगी। बता दें, सीबीसीएसई बोर्ड की ओर से स्कूलों में सुरक्षा इंतजाम को लेकर कई दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं, लेकिन इसका पालन स्कूलों में नहीं किया जा रहा है। जिस कारण आए दिन घटनाएं सामने आ रही हैं।
जांच में टीम को मिली थीं कई खामियां
मानव संसाधन विकास मंत्रलय ने राज्य सरकार को इस पूरे मामले की जांच के निर्देश दिए थे। सचिव शिक्षा डॉ. आर मीनाक्षी सुंदरम के निर्देश पर एसडीएम ऋषिकेश की अध्यक्षता में जांच समिति बनाई गई, जिसमें मुख्य शिक्षा अधिकारी और जिला प्रोबेशन अधिकारी भी शामिल रहे। समिति ने अपनी रिपोर्ट में विद्यालय में कई अन्य गड़बड़ियों की पुष्टि की। जांच टीम को विद्यालय में धर्मातरण से जुड़ी गतिविधियों का भी पता चला था।
छात्र-छात्रएं किए जाएंगे ट्रांसफर
स बीएसई के क्षेत्रीय अधिकारी रणबीर सिंह ने बताया कि मान्यता रद किए जाने के बाद भविष्य में होने वाली गृह परीक्षाओं व परीक्षा बोर्ड को देखते हुए स्कूल में अध्ययनरत छात्र-छात्रओं को निकटतम सीबीएसई स्कूल में स्थानांतरित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि छात्रों के भविष्य पर बोर्ड किसी भी तरह की आंच नहीं आने देगा।