पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने भारत के विदेश मंत्री के रूप में उनकी नियुक्ति पर बधाई दी है. जयशंकर ने पिछले शुक्रवार को पदभार संभाला था. इससे पहले जयशंकर विदेश सचिव थे.
इस पत्र में कुरैशी ने भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत की भी वकालत की है. उल्लेखनीय है कि बीते 14 फरवरी को पुलवामा में सीआरपीएफ काफिले पर हुए आतंकी हमले के बाद से दोनों देशों के बीच संबंधों में और खटास आ गई. इस हमले को पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी समूह जैश-ए-मोहम्मद ने अंजाम दिया था.
कुरैशी का यह पत्र पाकिस्तानी विदेश सचिव सोहेल महमूद के ईद पर भारत दौरे के तुरंत बाद आया है. सोहेल महमूद ने ईद पर दिल्ली की ऐतिहासिक जामा मस्जिद में नमाज अदा की थी. पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया था कि उनकी यात्रा एक “व्यक्तिगत यात्रा थी और पाक विदेश सचिव और किसी भी भारतीय अधिकारी के बीच कोई बैठक निर्धारित नहीं थी.”
इससे पहले गुरुवार को ही भारत ने कहा था कि अगले हफ्ते किर्गिस्तान की राजधानी बिश्केक में एससीओ शिखर सम्मेलन से इतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाकिस्तान के उनके समकक्ष इमरान खान के बीच किसी भी द्विपक्षीय बैठक की कोई योजना नहीं है.
दरअसल ऐसी संभावना थी कि टेलीफोन पर दोनों प्रधानमंत्रियों के बीच हुई बातचीत के कुछ दिन बाद ही पाकिस्तान के विदेश सचिव सोहेल महमूद के भारत आने के आलोक में मोदी और खान के बीच द्विपक्षीय बैठक हो सकती है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने मीडिया ब्रीफिंग में कहा, ‘‘मेरी जानकारी के हिसाब से हमारे प्रधानमंत्री और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के बीच किसी भी द्विपक्षीय बैठक की योजना नहीं है.’’
जब उनसे स्पष्ट तौर पर पूछा गया कि क्या वह बिश्केक में मोदी-खान बैठक की संभावना से पूरी तरह इनकार कर रहे हैं तो उन्होंने कहा कि उन्हें दोनों नेताओं के बीच होने जा रही किसी बैठक की जानकारी नहीं है. पीएम मोदी और इमरान खान 13-14 जून को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे.