मंगलवार की शाम ईद के चांद के दीदार के बाद अब बुधवार को ईद का त्योहार मनाया जा रहा है। बुधवार की सुबह राजधानी पटना सहित पूरे बिहार में ईद की नमाज पढ़ी गई। नमाज के बाद अब ईद की धूम मची है। लोग एक-दूसरे के मुबारकबाद दे रहे हैं।
पटना के गांधी मैदान में ईद की नमाज के समय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी पहुंचे। उन्होंने वहां ईद की मुबारकबाद दी। उन्होंने समाज में भाइचारा, प्रेम व एकता के भाव की कामना की। कहा कि लोग शांति के साथ समाज में एक-दूसरे का सम्मान करें, यही दुआ करें। मुख्यमंत्री ने बिहार में इस साल सूखे की स्थिति को देखते हुए बारिशकी भी कामना की। साथ ही एक-दूसरे का सम्मान करने की भी बात कही।
ईद को लेकर सुबह में लोग घरों से निकल पड़े। सभी रास्ते इदगाहों की ओर मुड़ते दिखे। वहां ईद की नमाज अदा की गई। सुबह से ही पूरा बिहार ईद की खुशी में सराबोर दिख रहा है। लोग एक-दूसरे सेगले मिलकर मुबारकबाद दे रहे हैं। इस दौरान युवा अपने ढ़ंग से ईद मनाते दिखे। ईद को यादगार बनाने केलिए वे सेल्फी लेते भी देखे गए।
आई चांद रात, तय हुआ ईद का दिन
इसके पहले ईद के पहले मंगलवार को 29वां रोजा मुक्कल करने के बाद सबकी निगाहें आसमान पर टिकीं थीं। चांद नजर आया तो बुधवार पांच जून को ईद मनाना तय हो गया।
देर रात तक होती रही ईद की खरीदारी
चांद रात में लोगों के कदम बाजार के ओर चल पड़े थे। ईद की तैयारियों के लिए खरीदारी को देर रात तक बाजार खुले रहे। पटना की बात करें तो शाम से ही बाजारों में भीड़ बढऩे लगी थी। रात जैसे जैसे गहराती गई, बाजारों में भीड़ बढ़ती गई। हर किसी को अपनी पसंद और जरूरत की चीजों की तलाश थी। खासकर सजावट व खान-पान की चीजों तथा इत्र व वस्त्रों आदि की खदीदारी के लिए भारी भीड़ उमड़ती दिखी।
पटना के सब्जीबाग, पटना मार्केट, हथुआ मार्केट, खेतान मार्केट, लालजी मार्केट, सेंट्रल मॉल, बिग बाजार, वी मार्ट, विशाल मॉल से लेकर राजाबाजार, फुलवारीशरीफ, हारूण नगर, पाटलीपुत्रा, कंकड़बाग, सगुना मोड़, कुर्जी मोड़, सुलतानगंज, आलमगंज, सदर गली सहित अन्य इलाकों में सजी दुकानों में ईद की खरीदारी देर रात तक होती रही। यही हाल पूरे बिहार का रहा।
चांद देखने के बाद ही ईद क्यों, जानिए
हिन्दू और मुस्लिम त्योहारों में चांद का बड़ा महत्व है। बिना चांद को देखे कोई व्रत या त्योहार नहीं मनाया जाता या उसे अधूरा माना जाता है। ईद-उल-फितर हिजरी कैलेंडर के 10वें माह के पहले दिन मनाई जाती है। हिजरी कैलेंडर में नया माह चांद देखकर ही शुरू होता है। जब तक चांद नहीं दिखे, तब तक रमजान का महीना खत्म नहीं माना जाता है। रमजान का महीना खत्म होने के बाद ही नए माह के पहले दिन ईद मनाई जाती है। माना जाता है कि इसी दिन हजरत मुहम्मद मक्का से मदीना के लिए निकले थे।
ईद के दिन इन बातों का रखें ध्यान
ईद के कुछ नियम होते हैं, जिनका पालन करना जरूरी माना जाता है। आइए जानें…
– ईद के दिन सुबह जल्दी उठना चाहिए और फजिर की नमाज अदा करनी चाहिए।
– इसके बाद दैनिक क्रियाओं से निवृत्त होकर रिवाज के हिसाब से नए कपड़े पहनने चाहिए, इत्र लगाना चाहिए।
– ईद की नमाज अदा करने से पहले फितरा अदा करना जरूरी होता है। बिना फितरा अदा किए नमाज मुकम्मल नहीं मानी जाती है।
– ईद की नमाज ईदगाह में अदा करनी चाहिए। ईदगाह न होने पर मस्जिद में या फिर खुले आसमान तले ही नमाज अदा करनी चाहिए।
– ईदगाह आने और जाने के लिए अलग-अलग रास्तों का इस्तेमाल करना चाहिए।
– छोटे बच्चों को ईदी के तौर उपहार देने चाहिए।
– गरीबों को दान देना चाहिए, भोजन भी खिलाना चाहिए।
पटना में ईद की नमाज का यह था समय
– छोटी खानकाह, फुलवारीशरीफ: सुबह 9:00 बजे
– शाही जामा मस्जिद मदरसा, हाजीगंज: सुबह 8:45 बजे
– हज भवन मस्जिद: सुबह 8:30
– हारूण नगर सेक्टर एक: सुबह 8:30 बजे
– जामा मस्जिद खैरुन्निसा, बाकरगंज: सुबह 8:30 बजे
– कोतवाली जामा मस्जिद: सुबह 8:15
– गांधी मैदान: सुबह 8:00
– शाही ईदगाह गुलजारबाग: सुबह 8:00
– खानकाह मुनएमिया मीतन घाट मस्जिद: सुबह 8:00
– खानकाह फैजानिया, नुरूद्दीनगंज: सुबह 8:00
– हारूण नगर सेक्टर दो: 8:00 बजे
– खानकाह बलखिया फिरदौसिया, फतुहा: सुबह 7:45
– हाईकोर्ट की जामा मस्जिद: सुबह 7:30
– बड़ी ईदगाह, दानापुर: सुबह 7:30 बजे
– नया टोला जामा मस्जिद: सुबह 7:30 बजे
– दरगाह खाह आरजा, सुल्तानगंज: सुबह 7:30 बजे
– जमात इस्लामी हिंद की टेकारी रोड स्थित जामा मस्जिद: सुबह 7:15
– मुगल मस्जिद, शाह की इमली: सुबह 7:15
– खानकाह इमादिया मंगल तालाब मस्जिद: सुबह 7:00
– नुरानीबाग कॉलोनी, आलमगंज: सुबह 6:30
(औरतों के लिए ईद की नमाज की व्यवस्था)
– नुरानीबाग कॉलोनी, आलमगंज: सुबह 6:30
– शनिचराबाग ईदगाह: सुबह 6:00