देश की आर्थिक राजधानी मुंबई से सटे मीरा भयंदर में स्कूल में हथियार चलाने की ट्रेनिंग देने के आरोप लगे हैं. ट्रेनिंग की देने की तस्वीरें सामने आने पर पुलिस-प्रशासन अलर्ट हो गई है. संस्था की तरफ से कहा गया है कि जो तस्वीरें पेश की गई हैं वह संस्था की नहीं है. संस्था में महज योग शिविर का आयोजन था. संस्था की तरफ से यह भी कहा गया है संस्था सत्ताधारी पार्टी के विधायक से जुड़ा है, इसलिए इसे बदनाम करने की साजिश थी.
जिस संगठन पर देश विरोधी नारे लगाने का आरोप है वहीं मुंबई से सटे मीरा रोड स्थित स्कूल में हथियार चलाने की ट्रेनिंग देने का आरोप लगाया है. इस आरोप में जो तस्वीरें पेश की गई हैं वो तस्वीरें स्कूल के बजाय कहीं और की हैं. आरोप में कोई साक्ष्य नहीं दे पा रही हैं.
सामने आई तस्वीरों में एयरगन दिखाए गए हैं, लेकिन आरोप में घातक हथियार राइफल करार दिए गए हैं. डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया के मीरा रोड इकाई की तरफ से सेवेन इलेवन एकेडमी में मई के अंतिम सप्ताह में बजरंग दल के जरिए ट्रेनिंग कैम्प लगाए जाने की बात कही गई है. इसके साथ ही आरोप लगाया गया है कि यहां घातक हथियार चलाने की ट्रेनिंग भी दी गई है. हालांकि इस मुद्दे पर कोई पुख्ता सबूत पेश नहीं कर सके.
इस सिलसिले में नवघर पुलिस स्टेशन में शिकायत भी दर्ज कराई गई है. DYFI के मीरा रोड सचिव संजय पाण्डेय के मुताबिक ये एक तरह से युवाओं को राह भटकाने की कोशिश है.
संजय पांडेय ने कहा कि फेसबुक पर पोस्ट की गईं तस्वीरों के आधार पर पुलिस से शिकायत की गई हैं. शिकायत को लेकर कोई पुख्ता सबूत ना होने के चलते पुलिस ने इस मामले में जांच शुरू कर दी है. अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि यहां किसी तरह के घातक हथियारों की ट्रेनिंग दी गई थी. बजरंग दल के जरिए योग की ट्रेनिंग जरूर दी गई थी. शारीरिक बल के साथ-साथ मानसिक मजबूती के लिए भी योगाभ्यास कराए गए थे.
बीजेपी के विधायक नरेंद्र मेहता इस सेवेन इलेवेन एकेडमी के चेयरमैन हैं. उनके मुताबिक यह पूरी तरह से आरोप लगाया गया था, उनकी संस्था को बदनाम करने के लिए.
नरेंद्र मेहता का कहना है कि इस संस्था निजी है, जिसे छुट्टियों के दिनों में अलग अलग काम लिए किराया पर दिया जाता रहा है., जिसमें सेमिनार, आयोजन, शैक्षणिक ट्रेनिंग, फिल्म शूटिंग सहित कई तरह के लोग आते हैं. इसी सिलसिले में बजरंग दल को योग ट्रेनिंग के लिए दिया गया था.
नरेंद्र मेहता ने कहा कि सामने आई तस्वीरें संस्था की नहीं है. संस्थान निजी होने के चलते यहां किराया लेकर अलग-अलग लोगों को सेमिनार शैक्षणिक ट्रेनिंग और दूसरे कामों के लिए दिया जाता रहा है. हथियार की ट्रेनिंग देनी है ऐसी कोई बात नहीं है. इससे महज बदनाम करने की साजिश है जो की पूरी तरह से असफल रही है.
डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया कई बार अलग अलग आरोपों में घिर चुकी है, जिसके सफाई में दिए गए उनके तर्क उनके काम से मेल नहीं खाते हैं. एक बार फिर मीरा भयंदर के इस स्कूल पर लगाए गए आरोप कुछ उसी तरह से साबित हो रहे हैं. प्रशासन इसके तह तक जाने की जरूर कोशिश कर रहा है कि इसके पीछे मूल मकसद क्या है.