राज्यपाल ने दिया एफआईआर करने का आदेश
पटना : बिहार में शिक्षा माफियाओं के खिलाफ राज्यपाल सह कुलाधिपति लालजी टंडन ने सख्त कार्रवाई का फरमान जारी किया है। उन्होंने मंगलवार को राज्य सरकार से सम्बद्धता लिए बिना नामांकन लेनेवाले काॅलेजों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने और ऐसे सभी कॉलेजों में तत्काल ताला लगाने का भी निदेश दिया है। राज्य में ऐसे दो दर्जन कालेज हैं जो राज्य सरकार की संबद्धता की प्रत्याशा में कई वर्षों से चल रहे हैं। इसको लेकर मंगलवार को राजभवन में मगध, वीर कुँवर सिंह तथा बाबासाहेब भीमराव अम्बेदकर विश्वविद्यालयों के कुलपतियों, कुलसचिवों एवं परीक्षा-नियंत्रकों की बैठक हुई।
राज्यपाल के प्रधान सचिव एवं शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव आरके महाजन ने कहा कि किसी भी विश्वविद्यालय में छात्र-हितों को ध्यान में रखते हुए ही कोई निर्णय लिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्यपाल एवं राज्य सरकार दोनों यह चाहते हैं कि किसी भी परिस्थिति में छात्रों की समस्याओं की अनदेखी नहीं हो। महाजन ने कहा कि राज्यपाल चाहते हैं कि ‘एकेडमिक एवं परीक्षा-कैलेण्डर’ का अनुपालन करते हुए हर हालत में परीक्षाएँ ससमय आयोजित होनी चाहिए। परीक्षाफल का प्रकाशन करते हुए डिग्री-वितरण का कार्य भी ‘दीक्षांत समारोहों’ के माध्यम से समय पर होना चाहिए। आन-लाईन आवेदन के जरिये प्रमाण-पत्रों के वितरण का काम भी इस महीने से सभी विश्वविद्यालयों में प्रारंभ हो जाना चाहिए।
महाजन ने कहा कि राज्य सरकार ने मगध , वीर कुँवर सिंह एवं बाबासाहेब भीमराव अम्बेदकर बिहार विश्वविद्यालय के अधीन वैसे विद्यार्थी, जिन्होंने राज्य में सम्बद्धताविहीन महाविद्यालयों में नामांकन कराकर अपनी शिक्षा शुरू कर दी है, उनके भविष्य पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हुए कुछ ठोस निर्णय लिया है एवं इस संदर्भ में संबंधित कुलपतियों को 03 जून को ही परिपत्र भेज दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि इस परिपत्र के आलोक में कार्रवाई होनी चाहिए। नामांकित विद्यार्थियों के व्यापक हित में यह निर्णय लिया गया है कि उनके शैक्षणिक सत्र की अवधि के लिए सर्वप्रथम निकटस्थ अंगीभूत महाविद्यालयों में उनके नामांकन एवं अध्ययन की सुविधा प्रदान की जाये। महाजन ने कहा कि छात्रों के भविष्य और व्यापक हित में लिया गया यह निर्णय भविष्य के लिए पूर्वोदाहरण नहीं माना जायेगा।