RSMT में भारत सरकार द्वारा प्रायोजित फैकल्टी डेवलपमेन्ट कार्यक्रम सम्पन्न
वाराणसी : राजर्षि स्कूल ऑफ मैनेजमेन्ट एण्ड टेक्नोलॉजी (यूपी कॉलेज परिसर) में उद्यमिता पर आधारित एवं भारत सरकार के डिपार्टमेन्ट ऑफ सांइस एण्ड टेक्नोलॉजी विभाग द्वारा प्रायोजित 15 दिवसीय फैकल्टी डेवलमेन्ट कार्यक्रम का समापन समारोह सम्पन्न हुआ। इस कार्यक्रम को ABESEC START LAB के द्वारा सम्पन्न कराया गया। कार्यक्रम का शुभाम्भ अथितियों द्वारा राजर्षि की प्रतिभा पर माल्यार्पण के द्वारा हुआ। इस अवसर पर अतिथियों एवं उदय प्रताप एजुकेशनल सोसाइटी के विभिन्न यूजिटों के विभागाध्यक्षों ने माल्यार्पण किया। संस्थान के निदेशक प्रो0डी0बी0 सिंह ने अपने स्वागत भाषण में मंच पर उपस्थित डीएसटी की वैज्ञानिक डा0 ऊषा दीक्षित देवा फाउन्डेशन की निदेशक मिस मोहिनी झंवर, ABESEC START LAB के निदेशक महेन्द्र कु0 गुप्ता एवं आरएसएमटी सब कमेटी के चेयरमैन, पूर्व चेयरमैन एयरपोर्ट अर्थोरिटी ऑफ इण्डिया प्रो0 एन के सिंह जी का स्वागत किया। उन्होंने डीएसटी एवं ए0बीईएसईसी स्टार्ट अप लैब का अभिनंदन किया और पंद्रह दिवसीय कार्यक्रम की सफलता पर बधाई दी।
डा0 प्रीती सिंह ने सम्पूर्ण कार्यक्रमों पर प्रकाश डाला एवं उसकी पूर्ण रिपोर्ट प्रस्तुत की। तत्पश्चात् महेन्द्र कुमार गुप्ता ने अपने पन्द्रह दिनों के अनुभवों को सांझा किया। उन्होंने आज के समय में ऐसे गुरूओं की आवश्यकता को बताया जो युवाओं में उद्यमिता को पोषण दें और बढ़ावा दें। मिस मोहिनी झंवर ने अपने व्याख्यान में बताया कि प्रत्येक व्यक्ति के अन्दर उद्यमिता के बीज होते हैं, जरूरत है उन्हें सही पोषण देने की आवश्यकता है ताकि वह एक वृक्ष में परिवर्तित हो सकें। डा0 ऊषा दीक्षित ने डीएसटी के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए इसके प्रशिक्षण द्वारा लाभार्थियों के विषय में बताया वर्तमान में करीब चार लाख छात्र इस प्रशिक्षण के द्वारा लाभ प्राप्त का चुके।
प्रो0 एन0के0 सिंह ने अपने चिरपरिचित अन्दाज में सायारी से अपने अभिभाषण शुरूआत किये ‘लुत्फे सफर की है चिन्ता किसे, जिसे देखों मंजिलों का भूखा दिखाई देता है‘ श्री सिंह ने कहा कि दौलत से ज्यादा आवश्यक मानसिक प्रसन्नता है जो कुछ सृजन करने सें संघर्ष करने से मिलती है और यहीं उद्यमिता है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक नागरिक को स्वयं आगे बढ़कर समाज की बुराइयों को दूर करने का प्रयास करना चाहिए। दिल्ली की मलिन बस्ती में अपने स्वयं के चलाये हुए प्रोजेक्ट का उदाहरण देते हुए कहा कि हम कब तक सरकार के भरोसे बैठे रहेंगे। आज के समाज में नये विचार को लेकर आगे बढ़ने का नाम ही उद्यमिता है। महज नये विचार ही जरूरी नहीं है उनकी मार्केटिंग भी अत्यन्त आवश्यक है। सभी प्रतिभागियों को डी0एस0टी0 द्वारा प्रमाण पत्र दिया गया। कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए डी0एस0टी0 ने सभी संस्थानो को भी एक प्रशस्ति पत्र प्रदान किया।
उदय प्रताप डिग्री कालेज की डा0 सुनंदा ने अपने पंद्रह दिनों के अनुभवों को सांझा किया इसी श्रेणी में वी0बी0एस0 पुर्वाचल की निवेदिता वर्मा, विशाल,डा0 संजय सिंह, विवेकानंद, अनुराग सिंह एवं अन्य प्रतिभागियों ने संस्थान एवं डी0एस0टी0 को इस कार्यक्रम के सफलता पूर्वक सम्पन्न होने पर बधाई दी। प्रो0 एन0के0 सिंह ने अतिथियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। धन्यवाद ज्ञापन प्रो0 अमन गुप्ता के द्वारा पोषित किया गया कार्यक्रम का संचालन गरिमा आनंद द्वारा किया गया। इस अवसर पर आनंद श्रीवास्तव, सुजित सिंह, विजय पाण्डेय, पी0एन0 सिंह, डा0राजेन्द्र शर्मा, नीतु रंजन अग्रवाल एवं डा0 विनिता कालरा उपस्थित रही अन्य गैरशैक्षणिक स्टाप ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज करायी।