सपा सरकार में हुई थी भर्ती, एसआईटी रिपोर्ट आने के बाद हुई कार्रवाई
लखनऊ। लोकसभा चुनाव के बाद उत्तर प्रदेश की योगी सरकार एक्शन मोड में आ गयी है। राज्य सरकार ने रविवार को भर्ती घोटाला मामले में पशुपालन विभाग के निदेशक समेत छह अधिकारियों को निलंबित कर दिया। चकबंदी लेखपालों की भर्ती में हुई गड़बड़ी मामले के पुलिस ने एक दिन पहले अपर चकबंदी आयुक्त सुरेश सिंह यादव को गिरफ्तार किया था। राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने रविवार को यहां बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश पर एसआईटी ने पशुपालन विभाग में हुई भर्ती में घोटाले का पर्दाफाश किया है। इसके बाद मुख्यमंत्री ने विभाग के निदेशक के अलावा पांच अपर निदेशकों को निलंबित करने का आदेश दिया।
निलंबित हुए अधिकारियों में पशुपालन निदेशक चरण सिंह यादव, अपर निदेशक अशोक कुमार सिंह, बस्ती के अपर निदेशक जीसी द्विवेदी, लखनऊ मंडल के अपर निदेशक डॉक्टर हरिपाल, बरेली मंडल के अपर निदेशक एपी सिंह और अयोध्या के अपर निदेशक अनूप श्रीवास्तव शामिल हैं। प्रवक्ता ने बताया कि सपा सरकार के दौरान वर्ष 2012-13 में प्रदेश भर में 1148 पशुधन प्रसार अधिकारियों की हुई भर्ती हुई थी। भर्ती में धांधली का मामला प्रकाश में आने के बाद योगी सरकार ने 28 दिसंबर 2017 को एसआईटी से जांच कराने का आदेश दिया था। जांच से धांधली की पुष्टि हुई और पता चला भर्ती में मानकों को दरकिनार कर मनपसंद अभ्यर्थियों को चुना गया।
मनमानी तरीके से सौ अंकों की लिखित परीक्षा के स्थान पर 80 अंको की परीक्षा हुई और 20 अंक का साक्षात्कार रखकर अभ्यर्थियों का चयन किया गया। गौरतलब है कि प्रदेश की योगी सरकार इस समय भर्ती घोटालों को लेकर एक्शन मोड में है। शनिवार को चकबंदी लेखपालों की भर्ती में हुई गड़बड़ी मामले के आरोपित अपर चकबंदी आयुक्त सुरेश सिंह यादव को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। बताया जाता है कि सुरेश यादव ने भर्ती घोटाला मामले में गिरफ्तारी पर अरेस्ट स्टे ले लिया था। ऐसे में मुख्यमंत्री योगी के सख्त होने के बाद पुलिस ने उसे दूसरे मामले में गिरफ्तार कर लिया।