देवी अहिल्या विवि के इंस्टिट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (आईईटी) में बीते साल रैगिंग के मामले में आरोपित छात्रों को सजा के बजाय इनाम दिया जा रहा है। दोषी मिले 15 में से चार छात्रों को कॉलेज प्लेसमेंट सेल की जिम्मेदारी दी गई है। एंटी रैगिंग कमेटी ने सजा बतौर सभी दोषी छात्रों को हॉस्टल से निष्कासित करने के साथ ही कॉलेज की कमेटियों से बाहर करने का फैसला सुनाया था। मार्च 2018 में यूजीसी की एंटी रैगिंग हेल्पलाइन पर आईईटी हॉस्टल में रैगिंग को लेकर शिकायत हुई थी।
विभाग की कमेटी ने दो दिन तक पड़ताल की। इसमें पता चला रैगिंग को बढ़ावा देने वाले सीनियर के साथ जूनियर छात्र भी शामिल थे। ये छात्र फर्स्ट-सेकंड ईयर के थे। लगभग 15 विद्यार्थी दोषी मिले थे। इनका भविष्य खराब न हो इसके लिए कमेटी ने इन्हें हॉस्टल से बाहर और आईईटी की किसी भी कमेटी में नहीं रखने की सजा दी थी। मगर विभाग इस फैसले पर ज्यादा दिनों तक टिक नहीं पाया। कुछ दोषी विद्यार्थियों को विभाग की अलग-अलग कमेटी में रख लिया गया। इसमें ईडब्ल्यूबी, ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट सेल, ई सेल जैसी कमेटियां शामिल हैं। इनमें फाइनल ईयर के अनुराग गंगराडे, प्रांजल चौध्ारी, रितिक पंडित और थर्ड ईयर के साहित्य नचौला हैं।
मामले में प्लेसमेंट सेल प्रभारी डॉ. गोविंद माहेश्वरी का कहना है ये सभी छात्र प्लेसमेंट सेल में हैं, जिन्हें प्लेसमेंट से जुड़ी गतिविधियों की जिम्मेदारी दी है। मगर इनके बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं है। वैसे भी एंटी रैगिंग कमेटी के निर्णय के बारे में विभाग के जिम्मेदारों ने मुझे नहीं बताया। अगर ऐसा है तो इन्हें कमेटी से बाहर किया जाएगा।
हॉस्टल में भी आते-जाते हैं
हॉस्टल से बाहर निकालने के अलावा इन विद्यार्थियों के वहां प्रवेश पर भी रोक लगा दी थी। बावजूद इसके कुछ विद्यार्थी बेरोक-टोक हॉस्टल में आते-जाते हैं। जानकारी होने के बाद भी हॉस्टल वार्डन कार्रवाई नहीं करते हैं।
सख्त कार्रवाई करेंगे
एंटी रैगिंग कमेटी की रिपोर्ट के बारे में सभी को जानकारी दी थी। बावजूद इसके इन विद्यार्थियों को प्लसेमेंट सेल व कमेटी में रखना गलत है। पूरे मामले में सख्त कार्रवाई की जाएगी।