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2004 में ईरानी चांदनी चौक से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल के खिलाफ चुनाव लड़ीं। हालांकि उन्हें हार का सामना करना पड़ा लेकिन उन्हें भाजपा की केंद्रिय समिति की कार्यकारी सदस्य बनाया गया। 2010 में स्मृति पार्टी की राष्ट्रीय सचिव एवं महिला विंग की अध्यक्ष बनाई गईं। स्मृति 2014 में अमेठी से राहुल गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ीं। हालांकि चुनाव तो हार गईं पर राहुल को कड़ी चुनौती दी। फिर भी मोदी सरकार में उन्हें मानव संसाधन मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गई। उल्लेखनीय है कि 2014 कैबिनेट में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय मेनका गांधी के पास था।