जनता दल यूनाइटेड (JDU) सुप्रीमो नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) सरकार में सांकेतिक भागीदारी मंजूर करने से इनकार करते हुए कहा कि अगर भारतीय जनता पार्टी (BJP) सीटों के अनुपात में मंत्रिमंडल में जगह देने का प्रस्ताव देती तो वे इसे स्वीकार कर लेते।
जेडीयू मंत्रिमंडल से बाहर, लेकिन एनडीए में रहकर सरकार को समर्थन देती रहेगी। नीतीश कुमार ये बातें शुक्रवार को दिल्ली से पटना लौटकर कही।
अमित शाह ने रखा था एक सीट का प्रस्ताव
नीतीश कुमार ने बताया कि मंत्रिमंडल में सीटों के बंटवारे को लेकर बातचीत के लिए बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह (Amit Shah) ने बुलाया था। इसके लिए जब वे वहां गए तो शाह ने एनडीए के सभी घटक दलों को मंत्रिमंडल में एक-एक सीट देने का प्रस्ताव रखा। वहां भूपेंद्र यादव भी मौजूद थे।
सांकेतिक प्रतिनिधित्व की जरूरत नहीं
नीतीश कुमार ने कहा कि बीजेपी को पूर्ण बहुमत मिला है। अमित शाह की बात से लगा कि वे घटक दलों को सांकेतिक प्रतिनिधित्व देना चाहते थे। उनकी बात सुनी, फिर कहा कि इसकी (सांकेतिक प्रतिनिधित्व) जरूरत नहीं है। फिर भी पार्टी में बात कर अंतिम फैसला करेंगे।
आनुपातिक होनी चाहिए भागीदारी
नीतीश कुमार ने बताया कि इसके बाद उन्होंने पार्टी में एक-एककर सबों से बात की। सबकी राय यही थी कि सांकेतिक प्रतिनिधित्व उचित नहीं, भागीदारी तो आनुपातिक होनी चाहिए। इसके बाद पार्टी ने केंद्र सरकार में शामिल नहीं होने का फैसला किया।
नीतीश कुमार ने कहा कि इसके बावजूद जेडीयू गठबंधन (एनडीए) का हिस्सा बना रहेगा। उन्होंने मोदी सरकार (PM Modi Government) से किसी तरह की नाराजगी से इनकर किया।
बिहार में जेडीयू के 16 सांसद
नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार में जेडीयू के 16 सांसद हैं। इनमें कई ऐसी सीटें हैं, जहां गत चुनाव में एनडीए की हार हुई थी। यह जनता की जीत है।