लोकसभा का चुनावी रण फतेह करने के बाद अब हरियाणा के विधानसभा चुनावों में मिशन-72 की तैयारी में जुटी भाजपा ने केंद्रीय मंत्रिमंडल के जरिये दलित और पिछड़ा कार्ड खेला है। पार्टी के रणनीतिकारों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट में जातिगत व राजनीतिक समीकरणों पर फोकस करते हुए जिन तीन मंत्रियों को जगह दी, वह अपनी बिरादरी के कद्दावर चेहरे हैं। केंद्र सरकार में पहली बार उत्तरी हरियाणा को शामिल कर भाजपा ने अपना गढ़ मजबूत करने की रणनीति अपनाई।
विधानसभा चुनाव से पहले हरियाणा में भाजपा ने साधे जातिगत व राजनीतिक समीकरण
मोदी मंत्रिमंडल में राज्य मंत्री के रूप में शपथ लेने वाले रतन लाल कटारिया दलित तो राव इंद्रजीत सिंह और कृष्ण पाल गुर्जर पिछड़ा वर्ग से हैं। भाजपा ने नए मंत्रिमंडल के जरिये न केवल दलित और पिछड़ा वर्ग को लुभाने का पासा फेंका, बल्कि किसी नए चेहरे के बजाय पुराने धुरंधरों पर भरोसा जताते हुए साफ कर दिया कि सरकार में चलेगी पुराने भाजपाइयों की ही। साथ ही उत्तर से लेकर दक्षिण हरियाणा तक के नुमाइंदों को मंत्रिमंडल में जगह देकर हर हिस्से को साधने की कोशिश की। कैबिनेट में शामिल हुए पूर्व सेनाध्यक्ष वीके सिंह भले ही दूसरे राज्य के प्रतिनिधि के तौर पर सरकार में शामिल हुए, लेकिन भिवानी क्षेत्र में उनका खासा प्रभाव है।
पीएम मोदी ने पुराने साथियों पर जताया भरोसा, दलितों में पैठ बनाने को कटारिया चेहरा
लोकसभा चुनाव में भाजपा क्लीन स्वीप करते हुए सभी दस सीटों पर चुनाव जीत गई, लेकिन कई लोकसभा क्षेत्र ऐसे हैं जहां बूथ स्तर पर भाजपा को बहुत कम वोट मिले। दलितों के वोट कांग्रेस तथा लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी व बहुजन समाज पार्टी के खाते में भी ट्रांसफर हुए हैं। विधानसभा चुनाव में यह वोट बैंक भाजपा से न छिटके, इसके लिए रतन लाल कटारिया को मोदी मंत्रिमंडल में स्थान दिया गया है।
कटारिया लगातार दूसरी बार सांसद बने हैं। उन्होंने अंबाला से कांग्रेस की वरिष्ठ नेत्री और पूर्व कैबिनेट मंत्री कुमारी सैलजा को हराया। इसके अलावा वह संघ के पुराने कार्यकर्ता हैं और वाजपेयी सरकार के समय में भी सांसद रह चुके हैं। कटारिया के जरिये उत्तरी हरियाणा को केंद्र में प्रतिनिधित्व मिल गया।
राव इंद्रजीत दक्षिण हरियाणा के कद्दावर नेता
मोदी सरकार में दूसरी बार शामिल हुए राव इंद्रजीत सिंह दक्षिण हरियाणा की राजनीति में कद्दावर नेता माने जाते हैं। अहीरवाल की सियासत करने वाले राव इंद्रजीत लगातार चौथी बार संसद में पहुंचे हैं, जबकि अभी तक पांच बार सांसद बन चुके। राव इंद्रजीत को मंत्री बनाकर दक्षिण हरियाणा को प्रतिनिधित्व दिया गया है। दिलचस्प बात यह है कि राव इंद्रजीत लगातार तीन साल से केंद्र में मंत्री बनते आ रहे हैं। वह पिछली मोदी सरकार में भी मंत्री थे और उससे पहले कांग्रेस की मनमोहन सरकार में भी।
कृष्णपाल गुर्जर के विरोधी हुए पस्त
भाजपा में ही अपने विरोधियों के तमाम अड़ंगों के बावजूद केंद्रीय मंत्रिमंडल में स्थान बनाने में कामयाब रहे फरीदाबाद के सांसद कृष्ण पाल गुर्जर पहले भी मंत्री रह चुके हैं। मोदी व शाह के दरबार में इनकी पकड़ मजबूत है। हरियाणा के कई सांसद उनका रास्ता रोकने में लगे हुए थे, लेकिन जातीय और क्षेत्रीय समीकरणों तथा निजी संबंधों के बल पर वह फिर से केंद्र में मंत्री बनने में कामयाब हो गए।