…किसी राजकुमारी से कम नहीं खुशबू की शादी

मां-बाप के देहांत के बाद विजय सिंह ने खुशबू को पाला

लखनऊ। आलीशान होटल, जगमगाती रोशनी, शहनाइयों की गूंज, शहर के एक से बढ़कर एक व्यवसाई, राजनेताओं की चहल कदमी, वाकई खुशबू की शादी में चार चांद लगा रहे थे। 22 वर्ष पहले किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि किसी राजकुमारी की तरह एक दिन धूमधाम से खुशबू की शादी होगी। जब खुशबू करीब डेढ़ वर्ष की थी, तभी उसके माता-पिता का साया सिर से उठ गया। ऐसे में रिश्तेदारों ने भी खुशबू से मुंह मोड़ लिया। बचपन की दहलीज पर खुशबू की सारी खुशियां बिखर गईं। लेकिन ईश्वर ने भी उसकी जिंदगी में कुछ और ही लिखा था।

शाही अंदाज में की शादी तो पूरे शहर में बनी चर्चा

दरअसल, माता-पिता के गुजरने के बाद मासूम खुशूब के बारे में व्यवसायी एवं समाजसेवी विजय सिंह भदौरिया को इसकी जानकारी हुई। इस पर वह मासूम बच्ची को अपने घर ले आए और उसका नामकरण कर दिया। देखते ही देखते खुशबू कब बड़ी हो गई, उसको भी इसका एहसास नहीं हुआ। दुनिया से मां-बाप के गुजर जाने के बाद भी उसे उनकी तनिक भी कमी महसूस नहीं हुई। विजय भदौरिया ने खुशबू को बेटी की तरह घर में रखा और उसे अपने बच्चे की तरह पढ़ाया—लिखाया। खुशबू के बड़े होते ही उसकी विवाह की चिंता भी विजय को सताने लगी। कई रिश्ते आए लेकिन बेटी की खुशियों को देखकर उन्होंने कानपुर निवासी विकास पुत्र संतलाल के साथ विवाह पूरी धूमधाम से किया। यह विवाह पूरे शहर में चर्चा का विषय बना रहा।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com