बेंगलुरु के नारायण हेल्थ सिटी ने मॉरिशियस की एक मासूम बच्ची की जान बचाकर मेडिकल जगत में चमत्कार का दावा किया है, हॉस्पिटल का दावा है कि दुनिया में पहली बार जटिल ऑपरेशन कर बदन और दिल से जुड़े दो बच्चों में से 1 की जान बचाई गई है. 5 महीने की क्लिआन अब स्वस्थ है और मॉरिशियस से आई डॉक्टर्स की टीम की निगरानी में शुक्रवार (24 मई) को उसे अपने घर भेज दिया जाएगा. क्लिआन का जब जन्म हुआ तो उसका बदन अपनी जुड़वां बहन से जुड़ा हुआ था.
इसे मेडिकल भाषा में कॉन्जॉइंड ट्वीन्स कहा जाता है, हालांकि मेडिकल जगत में ऐसे कुछ मामले पहले भी सामने आए हैं लेकिन हॉस्पिटल के मुताबिक ये केस बहुत ही जटिल था क्योंकि दोनों बच्चों के दिल एक दूसरे से जुड़ गए थे.
डॉक्टरों के मुताबिक आम तौर पर दिल में चार चेम्बर्स होते हैं लेकिन इस केस में दोनों बच्चों के कुल मिलाकर 7 चैम्बर्स थे और इस एक दिल से ही दोनों बच्चों का रक्त प्रवाह हो रहा था. क्लिआन की जुड़वां बहन का शरीर और अंग पूरी तरह विकसित नहीं हुआ था और वो बच्ची अपनी शरीर की जरूरतों को क्लिआन की शरीर से खींच रही थी जिसके चलते क्लिआन की तबियत भी लगातार खराब होने लगी. दुनियाभर के हॉस्पिटल में पड़ताल करने के बाद क्लिआन के पिता इयान पेपिलोन ने मॉरिशियस सरकार की मदद से हार्ट ऑपरेशन के लिए दुनियाभर में जाने माने हॉस्पिटल नारायण हेल्थ सिटी से सम्पर्क किया और जब दोनों बच्चे 6 दिन के थे तब उन्हें बेंगलुरू लेकर आया गया.
पहले डॉक्टर्स ने तय किया कि वे 6 महीने तक इंतजार करेंगे ताकि दोनों बच्चों की तबियत में थोड़ा सुधार हो जाये और फिर उन्हें अलग किया जा सके. लेकिन क्लिआन की जुड़वां बहन के शरीर के अंग पूरी तरह से विकसित नहीं हुए थे. इसीलिए उसका शरीर क्लिआन के शरीर पर बोझ डाल रहा था. जिसके चलते क्लिआन की तबियत बहुत ज्यादा बिगड़ने लगी.
हॉस्पिटल ने पिता से बातचीत कर क्लिआन को बचाने का फैसला किया और जब वो 2 महीने की थी तब करीब 10 घंटे के बहुत ही जटिल हार्ट ऑपरेशन के बाद क्लिआन के दिल को उसकी जुड़वां बहन के दिल से सफलतापूर्वक अलग कर लिया गया, क्लिआन की बहन के टिश्यू का इस्तेमाल कर क्लिआन के शरीर के कटे हुए हिस्से को फिर से बना दिया गया.क्लिआन ना सिर्फ अब जीवित है और उसके शरीर के सारे पैरामीटर्स ठीक से काम कर रहे हैं लेकिन एक लंबे समय तक उसके स्वास्थ्य पर निगरानी की जरूरत है.
मासूम क्लिआन के पिता की खुशी का ठिकाना नहीं है पूरी दुनिया के हॉस्पिटल ने इलाज के लिए मना कर दिया लेकिन बेंगलुरू के नारायण हेल्थ सिटी के प्रमुख और जाने माने हार्ट सर्जन डॉ देवी शेट्टी ने इस चुनौती को स्वीकार किया और क्लिआन की जान बचा ली. खर्च के लिहाज से ये सर्जरी बेहद ख़र्चीली थी. महीनों तक आईसीयू में बच्चे को रखना और दर्ज़नों महंगे टेस्ट पर बेंगलुरु के इस अस्पताल ने अपने मानवीय पॉलिसी तहत इलाज किया.