नई दिल्ली : कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी लोकसभा चुनावों में पार्टी को मिली करारी हार के बाद अपने पद से इस्तीफे देने के मुद्दे पर अड़े हुए हैं, वहीं दूसरी ओर उन्हें इस विकट स्थिति में इस्तीफा नहीं देने की पार्टी के अंदर और बाहर दोनों जगह से अपील की जा रही है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में इस्तीफे की पेशकश की थी। उस समय सर्वसम्मत्ति से उन्हें इस्तीफा देने से रोका गया। हालांकि सोमवार और आज दोनों दिन यही अटकलें लगती रही की राहुल गांधी अपने पद से इस्तीफा देने का पूरा मन बना चुके हैं।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मंगलवार दोपहर राहुल गांधी के आवास पर जाकर उनसे मिले। इसमें महासचिव प्रियंका गांधी, महासचिव केसी वेणुगोपाल, मुख्य प्रवक्ता रणदीप सिंह सूरजेवाला और राजस्थान के उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट शामिल प्रमुख थे। माना जा रहा है कि इन नेताओं राहुल से इस्तीफा देने को मना किया है। पार्टी की ओर से इस विषय पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। सूरजेवाला की ओर से एक बयान में सोमवार को कहा गया था कि बंद दरवाजों के बीच क्या चर्चा चल रही हैं या घटनाक्रम हो रहा है मीडिया उससे जुड़ी अटकलें लगाने से बचे। इससे पहले यह भी खबरें आई थी कि राहुल राजस्थान और मध्यप्रदेश के अपने मुख्यमंत्रियों से अपने बेटों को पार्टी से आगे रखने को लेकर नाराज हैं।
पार्टी राहुल के इस्तीफे पर अड़े रहने के मुद्दे को मीडिया अटकलें बता रही हैं वहीं दूसरी ओर प्रदेश काग्रेंस समितियों की ओर से राहुल को इस्तीफा न देने के प्रस्ताव मिल रहे हैं। कांग्रेस प्रवक्ता सूरजेवाला ने कहा है कि मीडिया के अलावा कहीं कोई संकट की स्थिति नहीं है। वहीं राहुल से मिलने गए प्रमोद तिवारी का कहना है कि उन्होंने राहुल गांधी को पद पर बने रहने का अनुरोध किया है। दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष शीला दीक्षित ने कहा कि राहुल गांधी अपना इस्तीफ़ा वापस लें। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष और कार्यकर्ताओं को लोकसभा चुनावों के परिणाम से निराश होने की ज़रूरत नहीं है।
कांग्रेस नेता एम वीरप्पा मोइली ने भी राहुल से पद पर बने रहने का अनुरोध किया है। उनका कहना है कि उनके नेतृत्व ने पिछले पांच वर्षों में पार्टी को पुनर्जीवित किया। कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री मोइली ने ट्वीट कर कहा कि 2014 में, जब सभी ने कांग्रेस को दरकिनार मान लिया था तब राहुल गांधी ने वापसी लड़ाई की और कांग्रेस को फिर से प्रासंगिक बना दिया। 2019 में उन्होंने सही मुद्दों पर काम किया। उन्हें कांग्रेस अध्यक्ष बने रहना चाहिए।
इसी बीच यह भी खबरें आ रही हैं राहुल गांधी फिलहाल कुछ महीनों के लिए अध्यक्ष पद पर बने रहेंगे जब तक कोई विकल्प नहीं मिलता। वहीं इस सप्ताह कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक भी हो सकती है। पार्टी के बाहर से भी कांग्रेस अध्यक्ष को पद पर बने रहने की सलाह दी जा रही है। दक्षिण फिल्मों के स्टार रजनीकांत ने चेन्नई में पत्रकारों से बातचीत मे कहा कि राहुल गांधी को अध्यक्ष पद से इस्तीफा नहीं देना चाहिए। उन्हें इसको प्रूव करना चाहिए कि वो यह कर सकते हैं। लोकतंत्र में विपक्ष को मजबूत होना चाहिए।
द्रमुक प्रमुख एमके स्टालिन ने मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में राहुल गांधी को पद पर बने रहने का आग्रह किया। उन्होंने राहुल के साथ टेलीफोन पर बातचीत की। राहुल ने तमिलनाडु में लोकसभा चुनावों में द्रमुक-कांग्रेस गठबंधन के शानदार प्रदर्शन के लिए स्टालिन को बधाई दी। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल के नेता लालू प्रसाद यादव का कहना है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा पार्टी अध्यक्ष पद से हट जाना न सिर्फ उनकी पार्टी कांग्रेस के लिए आत्मघाती साबित होगा, बल्कि उन सभी सामाजिक और राजनैतिक ताकतों के लिए भी घातक सिद्ध होगा, जो संघ परिवार से लड़ रही हैं।