इस बार शिव की प्रिय और वर्ष 2019 की दूसरी सोमवती अमावस्या 3 जून को सूर्यपुत्र शनिदेव और माता छाया के पुत्र शनिदेव जन्मेंगे। शनि जयंती पर जहां महिला अखंड सौभाग्य के लिए वट सावित्री व्रत भी रखेंगी वहीं साधना में सफलता देने वाला सर्वार्थ सिद्धि योग भी दिवस पर्यंत रहेगा। ज्योतिषियों के अनुसार इस बार बन रहे विशेष संयोग साढ़ेसाती, ढैय्या के प्रकोप से परेशान जातकों को साधना में सफलता प्रदान करेंगे। वर्तमान ग्रहों की स्थित भी अलग-अलग राशियों के जातक पर अलग-अलग प्रभाव डालेंगी।
काली मंदिर खजराना के ज्योर्तिविद् श्यामजी बापू के अनुसार ज्येष्ठ मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या 2 जून को दोपहर 04.40 बजे से लगेगी जो कि दूसरे दिन 3 जून को दोपहर 3.31 बजे तक रहेगी। इसके साथ ही 3 जून को सुबह 05.49 बजे से दिवस पर्यन्त तक सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है। इस साल सुखद संयोग शनि जयंती पर बन रहे हैं जो शनि भक्तों को साधना में सफलता प्रदान करेंगे। पं. ओम वशिष्ठ के अनुसार इस साल 2019 में पूरे साल में केवल तीन सोमवती अमावस्या तिथि है। इसमें पहली सोमवती अमावस्या 4 फरवरी, दूसरी 3 जून और तीसरी 28 अक्टूबर 2019 को है। शनि हिन्दू ज्योतिष में नौ मुख्य ग्रहों में से एक है। शनि अन्य ग्रहों की तुलना में धीमे चलते हैं इसलिए इन्हें शनैश्चर भी कहा जाता है।
धनु राशि में शनि, जयंती पर रहेंगे वक्री
ज्योर्तिविद् पंडित सुमित रावल के अनुसार ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि पर सूर्य और छाया के पुत्र शनि का जन्म हुआ था। यमराज और यमुना शनिदेव के भाई-बहन हैं। शनि जयंती पर शनि की विशेष पूजा करनी चाहिए। सूर्य और चंद्रमा जब वृषभ राशि में होते हैं, तब शनि जयंती आती है। इस तिथि पर शनि वक्री है।
ग्रहों की स्थिति : क्या पड़ेगा राशि पर प्रभाव
शनि इस समय धनु राशि में वक्री है। इसके साथ केतु भी स्थित है। शनि का जन्म कृत्तिका नक्षत्र में हुआ था। कृत्तिका नक्षत्र के स्वामी सूर्यदेव हैं। शनि जयंती पर गरीबों को धन का दान करें, गरीबों की सेवा करनी चाहिए। इस समय शनि की स्थिति का मेष, सिंह, कन्या, तुला, वृश्चिक राशि के लोगों पर मिश्रित असर हो रहा है। इन लोगों को सावधान होकर काम करना होगा। वृष, धनु, कुंभ, मीन राशि के लिए आगे समय अच्छा रह सकता है। मिथुन, कर्क, मकर राशि के लोगों को शनि सामान्य रहेगा।
111 दीपों से होगी आरती, विश्व कल्याण के लिए देंगे आहुति
शनि जयंती पर दो दिनी आयोजन उषा नगर स्थित गजासीन शनि मंदिर परिसर में 2 और 3 जून को होगा। महामंडलेश्वर दादू महाराज के सान्निाध्य में आयोजन समिति इसकी तैयारी कर रही हैं। इस अवसर पर 5 कुंडीय यज्ञ में विश्व कल्याण के लिए हजारों श्रद्धालुओं द्वारा आहुति दी जाएगी।
गजासीन शनिदेव भक्त मंडल के प्रमुख आशीष साहू व गिरीश चव्हान ने बताया कि पहले दिन 2 जून को सुबह 7 से वैदिक मंत्रोच्चार के साथ यज्ञ प्रारंभ होगा। यह तीन घंटे चलेगा। यज्ञशाला की परिक्रमा के लिए कालीन वाला मार्ग बनाया जाएगा॥ शाम को भजनों का आयोजन होगा। 3 जून को शनि जयंती पर सुबह 7 से यज्ञ होगा। दोपहर 12 बजे 111 दीपों से शनिजी की महाआरती होगा। इसके बाद सामूहिक शनि चालीसा, शनि मंत्र, दशरथ रचित शनि स्त्रोत पाठ वाचन होगा। इस मौके पर शनि यंत्र एवं यज्ञ की अभिमंत्रित भस्म का निशुल्क वितरण होगा। 11 तरह के पुष्पों से शनिजी का भव्य फूल बंगला भी सजेगा और भगवान को छप्पन भोग समर्पित किया जाएगा।