बैंक की तरफ से पेश की जाने वाली एफडी देश के नागरिकों के बीच सबसे ज्यादा लोकप्रिय निवेश स्कीम है। इस निवेश स्कीम को सबसे सुरक्षित जरिया माना जाता है। इस सेविंग स्कीम में टैक्स बेनिफिट भी मिलते हैं, जिसकी वजह से निवेश का यह विक्लप सबसे ज्यादा पसंद किया जाता है। आज हम आपको कंपनी डिपॉजिट के बारे में बता रहे हैं जो कि कुछ हद तक एफडी जैसा होता है, लेकिन इसमें ब्याज दर एफडी के मुकाबले अधिक मिलती है। आइए जानते हैं क्या है कंपनी डिपॉजिट।
कंपनी डिपॉजिट: कंपनी डिपॉजिट एनबीएफसी और मैन्युफैक्चरिंग फर्मों की तरफ से जारी किए जाते हैं। इस तरह के डिपॉजिट जारी करने का उद्देश्य कंपनी फंड जुटाने के लिए करती है। पिछले कुछ समय में कई लोगों ने इस तरीके का इस्तेमाल किया है। कंपनी डिपॉजिट एक प्रकार का अनसेफ लोन है जो डिफॉल्ट की स्थिति में निवेशक को कुछ भी गारंटी नहीं देते हैं। ऐसे जोखिम की वजह से ही कंपनी डिपॉजिट में बैंक एफडी के मुकाबले अधिक ब्याज दर मिलती है। उच्च ब्याज दर को देखते हुए कई निवेशकों को यह निवेश पसंद आता है।
ब्याज दर: कंपनी डिपॉजिट पर ब्याज आमतौर पर 50-100 बीपीएस अधिक होती हैं जो बैंक से ज्यादा हैं। वहीं सीनियर सिटीजन के लिए 25-40 बीपीएस और अधिक होती है। सामान्य तौर पर एक बैंक 1 वर्ष से 10 वर्ष की एफडी के लिए 6.6 से 7 फीसद तक ब्याद दर की पेशकश करता है। सीनियर सिटीजन के लिए यह 7.1 से 7. 5 फीसद है। वहीं कोई एनबीएफसी या मैन्युफैक्चरिंग फर्म कंपनी डिपॉजिट पर 8.2 से 8.9 फीसद की ब्याज दर की पेशकश करते हैं। सीनियर सिटिजन के लिए यह 8.6 से 9.3 फीसद के बीच हो सकती है।
कंपनी डिपॉजिट में निवेश से पहले इन बातों पर दें ध्यान:
कंपनी डिपॉजिट में बैंक एफडी के मुकाबले अधिक ब्याज की पेशकश की जाती है, लेकिन इसमें रिस्क भी अधिक होता है। किसी भी कंपनी डिपॉजिट में निवेश करने से पहले आपको उस कंपनी की रेटिंग के बारे में जानना चाहिए। कंपनी की रेटिंग जानकर आपको यह पता चल जाएगा कि इस कंपनी में निवेश करना आपके लिए ठीक है या नहीं और अगर ठीक है तो कितना सुरक्षित है। अगर आपको उस कंपनी की कोई रेटिंग नहीं है या रेटिंग कम है तो ऐसी जगह पर आपका पैसा कम सुरक्षित रहेगा। अधिकतर ऐसी कंपनियां उच्च ब्याज दर की पेशकश करती हैं। इसलिए कंपनी डिपॉजिट में निवेश करते वक्त इन सभी चीजों के बारे में जान लेना चाहिए।
टैक्स बेनिफिट: एफडी की तरह कंपनी डिपॉजिट में निवेश करते वक्त टैक्स में छूट नहीं मिलती है। पांच साल से अधिक अवधि के बैंक एफडी पर आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत टैक्स डिडक्शन का लाभ मिलता है। वहीं कंपनी एफडी की मैच्योरिटी के वक्त मिलने वाले ब्याज पर टीडीएस कटता है जो कि बैंक एफडी में 40 हजार प्रति वर्ष है। सीनियर सिटीजन की कंडीशन में 15एच और सामान्य नागरिकों के लिए 15जी फॉर्म भरकर टीडीएस बचाया जा सकता है।