प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रचंड बहुमत के साथ दोबारा सत्ता संभालने जा रहे हैं। इस बार की जीत उनके प्रति विश्वास की जीत बताई जा रही है। लगभग सभी क्षेत्र के लोगों को उम्मीद है कि नरेंद्र मोदी अगले पांच साल के भीतर देश की दशा व दिशा बदल देंगे। न केवल सामरिक क्षेत्र में देश और मजबूत होगा बल्कि आर्थिक क्षेत्र में भी दुनिया की बड़ी ताकत बनेगा। क्या लोगों की उम्मीदों पर प्रधानमंत्री खरा उतरेंगे, क्या सही मायने में आर्थिक मजबूती के क्षेत्र में भी देश दुनिया की बड़ी ताकतों में एक बन जाएगा, सहित कई सवालों को लेकर दैनिक जागरण संवाददाता आदित्य राज ने मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड के चेयरमैन आरसी भार्गव से विस्तृत बातचीत की। प्रस्तुत हैं मुख्य अंश :
अगले पांच सालों में क्या कुछ बदलने की उम्मीद दिखाई दे रही है?
पहले तो मैं अपने देश की जनता को बधाई देना चाहता हूं कि जाति और धर्म के दायरे से ऊपर उठकर मतदान किया है। यदि ऐसा नहीं होता तो एनडीए को प्रचंड बहुमत हासिल नहीं होता। पूरी दुनिया में बहुत बेहतर संदेश गया है। जहां तक पांच सालों में क्या कुछ बदलने की उम्मीद है तो मैं यह दावे के साथ कह सकता हूं कि पिछले पांच साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो प्लेटफार्म तैयार किया है, उसका लाभ अब दिखाई देगा। अगले पांच सालों के दौरान देश की तस्वीर बदल जाएगी।
आपको लगता है कि देश उत्पादन के क्षेत्र में भी सिरमौर बनेगा?
मैं हमेशा कहता हूं कि देश में ही अधिकतर चीजों का उत्पादन हो, यह सोच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की है। उन्होंने इस दिशा में पहले दिन से ही प्रयास शुरू कर दिया है। गुजरात में मुख्यमंत्री रहते हुए भी उन्होंने इस दिशा में काफी काम किया था। निवेश के लिए आवश्यक है माहौल का बेहतर होना। देशों के साथ दोस्ताना माहौल बनाना। इसे औद्योगिक विकास के लिए प्लेटफार्म तैयार करना कहते हैं। पांच साल के दौरान देश में विदेशी निवेश की बाढ़ आएगी। इससे न केवल उत्पादन के क्षेत्र में मजबूती आएगी बल्कि देश आर्थिक महाशक्ति के रूप में स्थापित होगा। दुनिया के किसी भी देश के उद्यमी उन्हीं देशों में जाकर निवेश करते हैं जिन देशों के साथ उनके देश का बेहतर संबंध होता है।
कुछ लोगों का मानना है कि जीएसटी एवं नोटबंदी से अर्थव्यवस्था कमजोर हुई है?
जीएसटी एवं नोटबंदी से देश की अर्थव्यवस्था कमजोर नहीं बल्कि रास्ते पर आई है। अब देश को पता है कि कहां पर कितना कारोबार हो रहा है। उसके पास कितने पैसे हैं। पहले पता ही नहीं था कि किस क्षेत्र में सही मायने में कितना कारोबार हो रहा है। देश के भीतर कितना पैसा है। कालाबाजारी का साम्राज्य लगभग ध्वस्त हो चुका है। सच्चाई यह है कि गलत करने वाले कालाबाजारी बंद होने से परेशान हैं।
केंद्र सरकार को अपनी तरफ से क्या सुझाव देना पसंद करेंगे?
मैं बस यही कहना चाहता हूं कि जो भी कार्य केंद्र सरकार द्वारा शुरू किए गए हैं या जो भी घोषणाएं की हैं, उनकी हर स्तर पर मॉनिटरिंग की जाए। इससे सभी योजनाएं जल्द पूरी होंगी। जो भी लोग रक्षा, ऑटोमोबाइल सहित किसी भी उत्पादन के क्षेत्र में आना चाहते हैं, उन्हें प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है। इससे जहां देश उत्पादन के क्षेत्र में सिरमौर बनेगा वहीं रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। अपने देश में मैन पावर की कमी नहीं है। आवश्यकता है मैन पावर को आवश्यकतानुसार तैयार करने की।