कांग्रेस में करारी हार पर मंथन जारी है. शनिवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने इस्तीफे की पेशकश की. हालांकि कांग्रेस वर्किंग कमेटी ने इसे ठुकरा दिया. लेकिन इस बैठक से एक बड़ी खबर आई है कि लोकसभा चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन से नाखुश राहुल गांधी अपने सीनियर लीडरों से नाराज हैं. वर्किंग कमेटी की बैठक के दौरान उन्होंने अपनी नाराजगी जाहिर भी की.
शनिवार को राहुल गांधी उन सीनियर नेताओं से नाराज दिखे, जिन्होंने अपने बेटों को टिकट दिलाया. बेटों को टिकट मिलने के बाद सीनियर नेताओं ने उन्हें जिताने के लिए जी-तोड़ मेहनत की, जिसका खामियाजा पार्टी को भुगतना पड़ा, क्योंकि बड़े नेता एक संसदीय क्षेत्र में सीमित रह गए. हालांकि, राहुल जब अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे थे तो उन्होंने किसी नेता का नाम नहीं लिया.
बता दें, कांग्रेस ने मध्यप्रदेश के सीएम कमलनाथ, राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत, पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम समेत कई नेताओं के बेटों को टिकट दिए थे.
CWC बैठक में राहुल ने उठाया मुद्दा
कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक के दौरान राहुल गांधी ने उन राज्यों के खराब प्रदर्शन पर भी नाराजगी जताई, जहां हाल में उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया. इसमें राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ शामिल हैं. राहुल ने कहा कि इन राज्यों के नेता राफेल और ‘चौकीदार चोर है’ जैसे अहम मुद्दों को लोगों के बीच ले जाने में नाकाम रहे, जिसके कारण बीजेपी के खिलाफ राहुल का प्लान फ्लॉप हो गया.
बता दें कि शनिवार को राहुल ने इस्तीफे की पेशकश की थी, लेकिन वर्किंग कमेटी ने कहा कि विपरीत परिस्थितियों में कांग्रेस को राहुल के मार्गदर्शन की जरूरत है. साथ ही इस्तीफा नामंजूर कर दिया गया. इसके बाद राहुल गांधी तो कांग्रेस के अध्यक्ष बने रहेंगे लेकिन कांग्रेस वर्किंग कमेटी ने राहुल से कहा है कि वो पार्टी के संगठन में बड़े बदलाव के लिए जो भी कदम उठाना चाहें तो उठाएं.
5 साल पहले जब कांग्रेस सिर्फ 44 सीटों पर सिमटी थी तब भी कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में ठीक वही हुआ था जो अब हुआ है. तब कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी थीं और राहुल गांधी पार्टी के उपाध्यक्ष थे. 2014 की हार के बाद कांग्रेस की पहली वर्किंग कमेटी की बैठक के बाद कहा गया था कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने अपने-अपने पदों से इस्तीफे की पेशकश की थी, लेकिन पेशकश को ठुकरा दिया.