उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग द्वारा जारी विज्ञापन को चुनौती

प्रयागराज : इलाहाबाद उच्च न्यायालय में उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग द्वारा मार्च 2019 में जारी विज्ञापन को चुनौती दी गयी है। कहा गया है कि विज्ञापन यूजीसी के 2010 के रेग्युलेशन के तहत जारी किया गया है, जबकि यूजीसी द्वारा जारी 2018 में नये रेग्युलेशन ने पुराने को सुपरशीट कर दिया है। कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार और उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग से जवाब मांगा है। साथ ही कहा है कि यदि इस दौरान पुराने रेग्युलेशन पर भर्तियां की जाती हैं तो वह कोर्ट निर्णय के अधीन रहेंगी। डाॅ. सुरेश जैन और कई अन्य की याचिकाओं पर न्यायमूर्ति एम.के गुप्ता सुनवाई कर रहे हैं।

याची के अधिवक्ता सीमांत सिंह के मुताबिक आयोग ने पीजी कॉलेजों में 172 पुरुष और 36 महिला अध्यापकों तथा स्नातक कॉलेजों में 64 पुरुष और 18 महिला अध्यापकों की नियुक्ति के लिए दो मार्च 2019 को विज्ञापन जारी किया है। यह विज्ञापन यूजीसी रेग्युलेश 30 जून 2010 के आधार पर निकाला गया है। जबकि 18 जुलाई 2018 को यूजीसी ने नया रेग्युलेशन जारी कर 2010 के रेग्युलेशन को सुपरशीट कर दिया है।

नये रेग्युलेशन में चयन के प्रावधान बदल दिये गये हैं। यूजीसी ने सभी विश्वविद्यालय को यह निर्देश भी दिया है कि नये रेग्युलेशन के मुताबिक वह अपने नियमों और परिनियमों में छह माह के भीतर संशोधन कर लें। याची के अधिवक्ता का कहना है कि इस स्थिति में अब 2010 के रेग्युलेशन पर भर्तियां नहीं हो सकती हैं। यूजीसी का सख्त निर्देश है कि संशोधन नहीं करने वाले विश्वविद्यालयों की ग्रांट रोकी जा सकती है। कोर्ट ने जुलाई के पहले सप्ताह में जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com