Haryana Lok Sabha Result 2019 ने अक्टूबर में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर भी बडा़ संकेत दिया है। अगर यही हाल रहा तो विधानसभा चुनाव में भी भाजपा के आगे सभी दलों का सफाया हो सकता है। पिछले विधानसभा चुनाव में 47 सीटें जीतने वाली भाजपा ने इस बार लोकसभा चुनाव में राज्य की 79 विधानसभा सीटों पर बंपर बढ़त हासिल की है।
भाजपा को 79 विधानसभा क्षेत्र में मिली बढ़त, 11 में कांग्रेस रही आगे, बाकी दल साफ
भाजपा ने पिछले चुनाव में सात लोकसभा सीटें जीती थीं और 52 विधानसभा सीटों पर बढ़त हासिल की थी। इसके बाद विधानसभा चुनाव मेें 47 सीटों पर जीत का झंडा गाड़ा था। इस बार सभी 10 लोकसभा सीटें जीतने के साथ ही भाजपा ने 79 सीटों पर शानदार बढ़त बनाई। भाजपा ने इस बार उत्तर हरियाणा के साथ-साथ मध्य और दक्षिण हरियाणा में भी अपनी राजनीतिक पकड़ मजबूत की है।
भाजपा के रणनीतिकार विधानसभा चुनाव की इस संभावित तस्वीर से बेहद उत्साहित हैं। राज्य में पांच माह बाद अक्टूबर में विधानसभा चुनाव होंगे। लोकसभा चुनाव के दौरान मतदाताओं ने सभी दस सीटें भाजपा की झोली में डालकर जो उत्साह दिखाया है, अगर वह लागातर पांच महीने विधानसभा चुनाव तक बरकरार रहा तो कांग्रेस, इनेलो, जजपा और आम आदमी पार्टी सरीखे दलों का राजनीतिक अस्तित्व खतरे में पड़ना तय है।
लोकसभा के नतीजों ने पेश की अक्टूबर में होने वाले विधानसभा चुनाव की तस्वीर
हरियाणा की 10 लोकसभा सीटों में कोई भी ऐसी नहीं है, जहां भाजपा ने विधानसभा स्तर पर बढ़त हासिल न की हो। पिछले चुनाव में भाजपा ने जब 47 सीटें जीती थी, तब पार्टी के पास मुख्यमंत्री पद कोई चेहरा नहीं था। अब मनोहर लाल भाजपा के बड़े चेहरे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के विश्वासपात्र होने के साथ ही मनोहर लाल ने नेतृत्व क्षमता का भी परिचय दिया है।
पिछले चुनाव में सात लोकसभा और 47 विधानसभा जीतने वाली भाजपा इस बार बहुमत से आगे
हरियाणा में भाजपा के जाट नेताओं कैप्टन अभिमन्यु के नारनौंद तथा ओमप्रकाश धनखड़ के बादली हलकों को छोड़कर भाजपा के सभी मंत्रियों और विधायकों के हलकों में पार्टी भारी मतों के अंतर से आगे रही है। इस बार के चुनाव में भाजपा ने सीएम पद के दावेदार अभय सिंह चौटाला, अशोक तंवर, किरण चौधरी, करण सिंह दलाल, नैना सिंह चौटाला, बलकौर सिंह और जाकिर हुसैन के हलकों में मजबूती के साथ दस्तक दी है।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, गीता भुक्कल, आनंद सिंह दांगी और डाॅ. रघुबीर कादियान अपने हलके बचाने में कामयाब रहे। रणदीप सिंह सुरजेवाला, जय प्रकाश जेपी, कुलदीप शर्मा, कुलदीप बिश्नोई और रेणुका बिश्नोई के हलकों में कांग्रेस को बुरी हार का सामना करना पड़ा है। इन हलकों में कांग्रेस जीती है।
अंबाला में विज और नायब सैनी ने दिलाई कटारिया को बढ़त
राजधानी चंडीगढ़ से सटे अंबाला संसदीय क्षेत्र में स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज और नायब सिंह सैनी ने भाजपा सांसद रतनलाल कटारिया को अपने हलकों अंबाला छावनी तथा नारायणगढ़ से बढ़त दिलाई है। भाजपा पिछले चुनाव में यहां नौ विधानसभा सीटें जीती थी और इस बार भी सभी नौ सीटें ही बरकरार हैं। पंचकूला में ज्ञानचंद गुप्ता ने भाजपा को बढ़त दिलाई है। यहां भाजपा का प्रदर्शन काफी सुधरा है।
कुरुक्षेत्र में छह से नौ सीटों पर पहुंची भाजपा, रणदीप-जेपी-संधू के हलके जीते
कुरुक्षेत्र संसदीय क्षेत्र में पिछले चुनाव में भाजपा ने छह सीटें जीती थी, लेकिन इस बार यहां भाजपा सभी नौ सीटें जीत गई है। राज्य मंत्री कृष्ण बेदी के शाहबाद हलके से भाजपा सांसद नायब सिंह सैनी को 16 हजार मतों की बढ़त मिली है, जबकि लाडवा के विधायक डाॅ. पवन सैनी के हलके से नायब सैनी 44 हजार से अधिक मतों से चुनाव जीते हैं। भाजपा यहां कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला के कैथल, जयप्रकाश जेपी के कलायत और जसविंद्र सिंह संधू के पेहवा हलकों में भी बढ़त हासिल करने में कामयाब रही है।
करनाल की नौ सीटों पर बरकरार रहा भाजपा का जादू
करनाल लोकसभा क्षेत्र की सभी नौ विधानसभा सीटों पर भाजपा ने इस बार भी अपनी बढ़त बरकरार रखी। पिछले चुनाव में भाजपा यहां सभी नौ सीटों पर जीती थी। इस बार भी नौ सीटों पर आगे रही है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल के करनाल हलके से भाजपा 80 हजार, महीपाल ढांडा के पानीपत ग्रामीण हलके से 92 हजार, परिवहन मंत्री कृष्ण पंवार के इसराना हलके से 51हजार, राज्य मंत्री कर्ण देव कांबोज के इंद्री हलके से 70 हजार और विधायक हरविंद्र कल्याण के घरौंडा हलके से भाजपा 83 हजार मतों से चुनाव जीती है।
सोनीपत में भाजपा ने कांग्रेस और इनेलो का गढ़ भेदा
सोनीपत संसदीय क्षेत्र में भाजपा पिछले विधानसभा चुनाव में एकमात्र सोनीपत शहर की सीट जीत पाई थी, लेकिन इस बार भाजपा ने यहां सात सीटों पर बढ़त हासिल की है। पिछले चुनाव में यहां पांच सीटों पर कांग्रेस, जींद व जुलाना दो सीटों पर इनेलो व एक सीट सफीदों पर आजाद उम्मीदवार जसबीर देसवाल का कब्जा था। भाजपा को इस बार शहरी निकाय मंत्री कविता जैन व राजीव जैन के हलके सोनीपत से बंपर बढ़त मिली है। खरखौदा व बरौदा में भाजपा पीछे रही है। भाजपा ने कुलदीप शर्मा के गन्नौर, जयतीर्थ दहिया के राई, जगबीर मलिक के गोहाना, परमिंद्र सिंह ढुल के जुलाना, जसबीर देसवाल के सफीदो और हरिचंद मिड्ढा के जींद हलकों में बढ़त हासिल की है।
चौटाला के गढ़ सिरसा की सभी नौ सीटों पर भाजपा को बढ़त
इनेलो सुप्रीमो एवं पूर्व सीएम ओमप्रकाश चौटाला तथा अभय सिंह चौटाला के गढ़ सिरसा में भाजपा ने शानदार प्रदर्शन किया है। पिछले चुनाव में भाजपा यहां एकमात्र टोहाना हलके से चुनाव जीती थी। इस बार भाजपा ने सिरसा संसदीय क्षेत्र की सभी नौ सीटों पर बढ़त ली है। टोहाना से भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला ने पार्टी को इस बार भी बढ़त दिलाई है। भाजपा नैना चौटाला के डबवाली, अभय सिंह चौटाला के ऐलनाबाद और बलकौर सिंह के कालांवाली हलकों में भी आगे रही। भाजपा ने लोकसभा चुनाव में अशोक तंवर और अभय सिंह चौटाला के बूथों में भी सेंध लगाने में कामयाबी हासिल की है।
भजनलाल का गढ़ भेदा, हिसार में आठ सीटों पर आगे रही भाजपा
हिसार संसदीय क्षेत्र को पूर्व सीएम भजनलाल और ओमप्रकाश चौटाला का गढ़ माना जाता है। भाजपा पिछले चुनाव में यहां से चार विधानसभा सीटें जीत पाई थी, लेकिन इस बार आठ सीटों पर आगे रही है। एकमात्र नारनौंद सीट ऐसी है, जिस पर भाजपा को निराश होना पड़ा है। यहां से वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु पिछला चुनाव जीते थे। हिसार संसदीय क्षेत्र के आदमपुर और हांसी में भाजपा ने बढ़त हासिल की है। केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह व उनकी पत्नी प्रेमलता के उचाना और रणबीर गंगवा के नलवा हलकों में भी भाजपा को बढ़त मिली है।
बंसीलाल के गढ़ में नौ सीटों पर भाजपा की दमदार एंट्री
भिवानी-महेंद्रगढ़ संसदीय सीट के दायरे में आने वाली छह सीटों पर भाजपा पिछला विधानसभा चुनाव जीती थी, लेकिन इस बार पार्टी ने यहां सभी नौ विधानसभा सीटों पर बढ़त हासिल की है। कांग्रेस विधायक दल की नेता किरण चौधरी अपने तोशाम हलके से बेटी श्रुति चौधरी को जीत नहीं दिला पाई, जबकि इनेलो के ओपी बारवा और जजपा के राजदीप फौगाट भी चुनाव हार रहे हैं। यहां भाजपा ने दमदार एंट्री ली है।
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रोहतक में चार सीटें बरकरार, यहां हुड्डा का प्रभाव
रोहतक लोकसभा सीट पर भाजपा का प्रदर्शन बहुत बढ़िया नहीं रहा। पिछले चुनाव में भाजपा ने यहां से चार सीटें जीती थी और इस बार भी चार विधानसभा सीटें ही बरकरार रख पाई है। सहकारिता राज्य मंत्री मनीष ग्रोवर के हलके रोहतक और पूर्व राज्य मंत्री विक्रम ठेकेदार के कोसली हलके में भाजपा चुनाव जीती है। हुड्डा के किलोई हलके में कांग्रेस जीती और भाजपा हारी, जबकि महम में आनंद सिंह दांगी, झज्जर में गीता भुक्कल, बेरी में डा. रघुबीर कादियान, बहादुरगढ़ में नरेश कौशिक और कलानौर में कांग्रेस की शकुंतला खटक चुनाव जीती हैं।
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गुरुग्राम में छह सीटें, कांग्रेस ने इनेलो से छीनी तीन सीटें
गुरुग्राम संसदीय क्षेत्र में भी भाजपा छह सीटों पर बरकरार रही। पिछले चुनाव में यहां से भाजपा ने छह सीटें जीती थी। इस बार भी यही आंकड़ा बरकरार है। जाकिर हुसैन के नूंह, नसीम अहमद के फिरोजपुर झिरका और रहीश खान के पुन्हाना हलकों में भाजपा एंट्री नहीं ले पाई। यहां इन तीनों हलकों में कांग्रेस ने जीत हासिल की है। पीडब्ल्यूडी मंत्री राव नरबीर बादशाहपुर से भाजपा सांसद राव इंद्रजीत को बढ़त दिलाने में कामयाब रहे हैं।
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फरीदाबाद में तीन से नौ हलकों में पहुंची भाजपा, गोयल ने गुर्जर को जिताया
फरीदाबाद संसदीय क्षेत्र में भाजपा ने पिछले चुनाव में मात्र तीन विधानसभा सीटें जीती थी, जो इस बार बढ़कर नौ पर पहुंच गई हैं। इनेलो छोड़कर भाजपा में आए केहर सिंह रावत हथीन में भाजपा को जिताकर लाए। पलवल में कांग्रेस के करण सिंह दलाल, बसपा के टेकचंद शर्मा के पृथला हलके में, फरीदाबाद एनआइटी में इनेलो के नगेंद्र भड़ाना, तिगांव के कांग्रेस विधायक ललित नागर और कांग्रेस के होडल से विधायक उदयभान के हलकों में भाजपा ने दमदार एंट्री की है। उद्योग मंत्री विपुल गोयल फरीदाबाद तथा बड़खल की भाजपा विधायक सीमा त्रिखा अपने हलकों में कृष्णपाल गुर्जर को जिताने में कामयाब रहे हैं।
धनखड़ और कैप्टन को छोड़कर बाकी सभी मंत्रियों के हलकों में जीती भाजपा
– अभय, नैना, किरण, जाकिर, तंवर, दलाल, सुरजेवाला और जेपी हारे
– पूर्व सीेम भूपेंद्र हुड्डा, गीता भुक्कल, दांगी और कादियान चुनाव जीते