उत्तराखंड में लोकसभा की पांचों सीटों पर किस्मत आजमा रहे 52 प्रत्याशियों में से किसे विजय मिली और किसे पराजय का मुंह देखना पड़ा, इसे लेकर चंद घंटों बाद तस्वीर साफ हो जाएगी। चुनाव आयोग के अनुसार उत्तराखंड की पांच सीटों अल्मोड़ा, नैनीताल, गढ़वाल, टिहरी और हरिद्वार सीट पर भाजपा आगे चल रही है।
चुनाव में कई दिग्गजों की साख दांव पर लगी है। इनमें केंद्रीय राज्यमंत्री अजय टम्टा, पूर्व मुख्यमंत्री व सांसद रमेश पोखरियाल निशंक, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, सांसद माला राज्यलक्ष्मी शाह, राज्यसभा सदस्य प्रदीप टम्टा, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट, प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष प्रीतम सिंह, भाजपा के राष्ट्रीय सचिव तीरथ सिंह रावत और पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चंद खंडूड़ी के पुत्र मनीष खंडूड़ी मुख्य रूप से शामिल हैं।
उत्तराखंड की तस्वीर
लोकसभा क्षेत्र-पौड़ी
- तीरथ सिंह रावत (भाजपा)-121286
- मनीष खंडूरी (कांग्रेस)-50844
लोकसभा क्षेत्र-टिहरी
- माला राज्य लक्ष्मी शाह (भाजपा)- 97092
- प्रीतम सिंह (कांग्रेस)-54781
लोकसभा क्षेत्र-हरिद्वार
- रमेश पोखरियाल निशंक (भाजपा)- 120542
- अंबरीश कुमार (कांग्रेस)-95068
- अंतरिक्ष सैनी (बसपा)-41060
लोकसभा क्षेत्र-अल्मोड़ा
- अजय टम्टा (भाजपा)-73623
- प्रदीप टम्टा (कांग्रेस)-33702
लोकसभा क्षेत्र-नैनीताल
- अजय भट्ट (भाजपा)-154726
- हरीश रावत (कांग्रेस )-62916
- नवनीत अग्रवाल (बसपा)-4964लोस चुनाव के प्रथम चरण में राज्य की पांचों लोकसभा सीटों टिहरी, पौड़ी, हरिद्वार, नैनीताल व अल्मोड़ा के लिए माहभर चले चुनाव अभियान के बाद 11 अप्रैल को मतदान हुआ। कुल 7765423 मतदाताओं में से 4775517 ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। पांचों सीटों पर इस बार 61.50 प्रतिशत मतदान हुआ। यह आंकड़ा पिछले लोकसभा चुनाव के आसपास ही रहा। मतदान को लेकर महिलाओं ने अधिक सजगता दिखाई है। 64.37 फीसद महिलाओं ने वोट डाले, जबकि 58.87 फीसद पुरुषों ने। 14.67 फीसद थर्ड जेंडर भी बूथों तक पहुंचे।
इसके साथ ही चुनाव में ताल ठोक रहे 52 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला ईवीएम में बंद हो गया। जनादेश किसके पक्ष में गया और किसे पराजय मिली, इसे लेकर गुरुवार को होने वाली मतगणना में तस्वीर साफ हो जाएगी। राज्य निर्वाचन कार्यालय के मुताबिक सभी जिलों में सुबह आठ बजे से गणना शुरू हो गई है। लोस सीट मुख्यालयों पर आठ बजे से पोस्टल बैलेट और साढ़े आठ बजे से ईवीएम से मतों की गणना शुरू हो गई। साढ़े सात हजार कर्मचारी मतगणना में जुटे हैं। सभी जगह सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं। मतगणना के अंत में हर विधानसभा के पांच बूथों की ईवीएम व वीपीपैट मशीनों में पड़े मतों का मिलान किया जाएगा। इसके बाद ही आधिकारिक नतीजे घोषित किए जाएंगे।
उधर, फैसले की घड़ी करीब आने के साथ ही मुख्य मुकाबले में रहे भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों की निगाहें टिक गई हैं। चुनाव में इन दलों के दिग्गजों की साख दांव पर है। यही कारण भी है कि मतगणना के नतीजों को लेकर हर किसी में उत्सुकता का आलम है।
लोस सीट———–प्रत्याशी
टिहरी——————-15
हरिद्वार—————-15
पौड़ी———————09
नैनीताल—————- 07
अल्मोड़ा—————– 06
कुल———————-52
भाजपा-कांग्रेस अभिकर्ता मतगणना केंद्रों में डटे
प्रदेश के दोनों राष्ट्रीय दलों भाजपा और कांग्रेस की धड़कनें बढ़ी गई हैं। गुरुवार को सत्रहवीं लोकसभा के चुनाव के नतीजे के रूप में जनादेश सामने आ जाएगा। एग्जिट पोल के अनुमानों में भले ही भाजपा की बल्ले-बल्ले और कांग्रेस को झटका लगते हुए दिखाया गया हो, लेकिन दलों की टकटकी अब नतीजे पर टिकी है। दोनों ही दलों ने सभी 13 जिलों में बनाए गए मतगणना केंद्रों पर अपने अभिकर्ताओं की तैनाती कर दी है। कांग्रेस मतगणना के दौरान खासी सतर्कता बरत रही है। पार्टी ने पोस्टल बैलेट की गणना को लेकर बुधवार को अपने अभिकर्ताओं को ट्रेनिंग दी।
भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों की ओर से प्रदेश कार्यालयों में कंट्रोल रूम स्थापित किए गए हैं। दलों की ओर से अभिकर्ताओं को मतगणना से संबंधित जानकारी और प्रशिक्षण भी दिया है। मतगणना के दौरान भाजपा प्रदेश मुख्यालय में कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है। नतीजों के लिए एलईडी लगाई जा रही है। वहीं एग्जिट पोल के अनुमानों के बाद कांग्रेस ज्यादा अलर्ट हो गई है। प्रमुख प्रतिपक्षी पार्टी को यह भरोसा है कि चुनाव नतीजे उसके पक्ष में होंगे। प्रदेश में सूपड़ा साफ होने के अंदेशे को मानने के लिए पार्टी तैयार नहीं है। मतगणना के दौरान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह अपने आवास पर मौजूद रहेंगे। उनके आवास पर टिहरी संसदीय क्षेत्र से 200 से ज्यादा कार्यकर्ता और पार्टी नेता मौजूद रहेंगे।
चुनाव नतीजों के लिए बड़ी स्क्रीन लगाई जा रही है। कांग्रेस ने ईवीएम में मतगणना के दौरान किसी भी गड़बड़ी को लेकर अपने अभिकर्ताओं को अलर्ट मोड पर रखा है। वहीं गुरुवार को अभिकर्ताओं को पोस्टल बैलेट की गणना के संबंध में भी ट्रेनिंग दी गई। मतगणना केंद्रों के भीतर अभिकर्ता रहेंगे, बल्कि केंद्रों के इर्द-गिर्द कार्यकर्ताओं को भी मौजूद रहने को कहा गया है।