पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी है. कोर्ट ने कहा है कि चुनाव न होने वाली सीटों पर नतीजों का ऐलान न किया जाए.
पश्चिम बंगाल राज्य निर्वाचन आयोग की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने आज सुनवाई की. आयोग ने अपनी याचिका में कलकत्ता हाई कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी थी जिसमें उसे प्रत्याशियों द्वारा ऑनलाइन दाखिल किए गए नामांकन पत्रों को स्वीकार करने को कहा गया था. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उस आदेश को रद्द कर दिया.
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में ये भी कहा है कि राज्य चुनाव आयोग ऐसे उम्मीदवारों को विजयी घोषित न करे, जहां किसी और पार्टी के उम्मीदवार नामांकन न कर पाए हों. टीएमसी के ऐसे करीब 18 हजार उम्मीदवार हैं. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला ममता बनर्जी और उनकी पार्टी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि पंचायत चुनाव 14 मई को ही होंगे. कोर्ट ने चुनाव आयोग को आदेश दिया है कि उन्हीं सीटों पर विजयी प्रत्याशियों की घोषणा की जाए, जहां अलग-अलग दलों के नेता चुनाव में हों. सुप्रीम कोर्ट ने राज्य चुनाव आयोग को निर्देश दिया कि वो कोर्ट के आदेश के बिना 34 फीसदी उन उम्मीदवारों के नतीजे घोषित नहीं करेगा, जिनके सामने कोई प्रत्याशी नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि हाई कोर्ट का आदेश बुरा है और वह कैसे जनप्रतिनिधि एक्ट में IT एक्ट जोड़ सकता है. सुप्रीम कोर्ट ने सीपीआईएम, बीजेपी और कांग्रेस को नोटिस भी जारी किया है. अब इस मामले पर अगली सुनवाई तीन जुलाई को होगी.