फिल्म सिंघम तो आपने देखी ही होगी, कैसे सिंघम बदमाशों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटता है और उन्हें सलाखों के पीछे पहुंचाता है

उत्तर प्रदेश में अलीगढ़ के थाना बन्नादेवी क्षेत्र में जीटी रोड पर गुरुवार दोपहर फिल्मों जैसा दृश्य था। कुख्यात बदमाश बलिया उर्फ वीरेंद्र को रोका तो उसने पुलिस कर्मियों पर कार चढ़ा दी। इससे एक कांस्टेबल घायल हो गया। पुलिस ने पीछा किया तो एक के बाद एक छह राहगीरों को भी टक्कर मार दी। इस दौरान महिला इंस्पेक्टर अरुणा राय ‘सिंघम’ बन गईं। हाथ में पिस्टल लेकर दौड़ते हुए पीछा किया, जिस पर उनके ऊपर भी तमंचा तान दिया। इसे सहयोगी सिपाही ने हाथ मारकर छीन लिया। बलिया को गिरफ्तार कर लिया गया है।

सारसौल चौराहे का है मामला 

दोपहर एक बजे एसआइ पवन कुमार, अंकित और कांस्टेबल गौरव के साथ इंस्पेक्टर थाने से निकलीं तभी खैर के बिसारा निवासी बलिया की कार नजर आई। इसे रुकवाया और पूछताछ के लिए पुलिसकर्मी जीप से बाहर आए तो बलिया ने कार चढ़ाने की कोशिश की और भाग निकला। कार के पहिये से सिपाही गौरव का पैर जख्मी हो गया। एसआइ अंकित ने राहगीर की बाइक से पीछा किया। बाकी टीम जीप से पीछे लगी थी। इस दौरान दौड़ती कुख्यात की कार ने कई ढकेल को चपेट में ले लिया। सारसौल चौराहे के निकट कार जाम में फंस गई, तो बलिया उतर कर पैदल सेटेलाइट बस स्टैंड से होकर भागने लगा।

पिस्टल निकाल कर दी चेतावनी

इस पर पिस्टल इंस्पेक्टर भी दौड़ीं. उन्होंने बलिया को रुकने की चेतावनी दी, मगर वह रुका नहीं। स्टैंड से निकलते ही भीड़ ने उसे घेर लिया। इंस्पेक्टर उसका गिरहबान पकड़ ही रही थीं, तभी शातिर ने पिस्टल तान दी। कांस्टेबल गौरव ने इसे छीन लिया, अन्यथा अनर्थ हो सकता था।

मुठभेड़ की शंका से 40 मिनट दहशत

स्थान: सारसौल चौराहा, समय: दोपहर करीब एक बजे। आगे कुख्यात बलिया और पिस्टल लिए पीछा करतीं इंस्पेक्टर अरुणा राय। ये नजारा चौंकाने वाला था, साथ ही दहशत भरा भी। बाजार में तो मानो अफरातफरी सी मच गई। डर यह था कि कहीं मुठभेड़ हो गई तो कहीं भीड़ भरे बाजार में कोई हताहत न हो जाए। गनीमत रही कि सारी शंका आशंकाओं के विपरीत बलिया पकड़ा गया। वहीं, 40 मिनट चली इस पूरी कार्रवाई में इंस्पेक्टर राय के हौंसले का हर कोई मुरीद हो गया।

छीन ली  पिस्टल 

शुरुआत में पुलिस को नहीं पता था कि सफेद रंग की सेंट्रो कार में है कौन। संदिग्ध नजर आने पर रुकने का इशारा दिया तो ढकेल, राहगीरों को टक्कर मारते हुए कार चौराहे की ओर बढ़ गई। पीछे पुलिस की जीप लगी थी। चौराहे से पहले ही जाम लगा देख कार रोककर अंदर बैठा बलिया पैदल भागने लगा। तभी जीप भी रुक गई और इंस्पेक्टर बन्नादेवी अरुणा राय सरकारी पिस्टल हाथ में लिए उसका पीछा करने लगीं। एसआइ पवन और कांस्टेबल गौरव भी साथ थे। कुछ दूर जाकर बलिया रुक गया, इंस्पेक्टर अरुणा पिस्टल लिए ठीक पीछे खड़ी थीं। इंस्पेक्टर को एक्शन मोड पर देख बलिया घबरा गया और उसने पिस्टल निकाल कर तान दी। दूरी महज एक फीट रही होगी। पिस्टल लोडेड थी और शातिर की अंगुली ट्रिगर पर, कुछ भी हो सकता था। अचानक कांस्टेबल गौरव ने हाथ मारकर पिस्टल छीन ली। 

बम कांड में चर्चित हुआ था बलिया
खैर के बंटी और बलिया की रंजिश में अब तक कई घटनाएं हो चुकी हैं। महीने भर पहले ही इस पर खैर पुलिस ने मुकदमा कराया है। 2014 में बलिया का नाम बम कांड में आया था। बंटी भाई अपनी शादी के दिन स्कार्पियो में गांव लौट रहा था। खूनी रंजिश के चलते बंटी के परिवार को सुरक्षा मिली हुई थी। इसीलिए दो सुरक्षाकर्मी गाड़ी में थे। गांव के निकट स्कार्पियो पर देशी बम फेंका गया था। इस हमले में बलिया नामजद हुआ था। फरवरी- 15 में बलिया समेत पांच के खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई हुई थी। पुलिस पर फायङ्क्षरग कर सरकारी असलाह लूटने के प्रयास के अलावा हमले, लूट समेत कई संगीन मुकदमे अलीगढ़ व दिल्ली में चल रहे हैं। 2012 में प्रशासन ने इसे जिला बदर किया था। एसएसपी आकाश कुलहरि ने बताया कि बलिया पेशेवर अपराधी है। खैर थाने से हिस्ट्रीशीटर है। इस पर मुकदमे दर्ज हैं। इंस्पेक्टर और उनकी टीम ने बहादुरी के साथ उसे धर दबोचा। मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है।

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