नीति आयोग ने कांग्रेस और आम आदमी पार्टी की ओर से लगाए गए इन आरोपों को खारिज किया है कि उसने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के चुनाव प्रचार वाले स्थानों के संबंध में प्रधानमंत्री कार्यालय को पहले से ही लेख मुहैया कराने में सहायता की थी. यह जानकारी सूत्रों ने दी है. मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों में गुरुवार को कहा कि माना जा रहा है कि नीति आयोग ने चुनाव आयोग से इस संबंध में प्राप्त आधिकारिक पत्र पर अपने जबाव में कहा कि उस पर लगाए गए आरोप निराधार हैं.
आयोग ने नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत को दोनों पार्टियों के आरोपों के संबंध में चार मई को पत्र लिखा था. साथ ही कांत को तत्काल जवाब देने को कहा था. पत्र में आयोग ने उन आरोपों का जिक्र किया है कि नीति आयोग ने विभिन्न राज्यों तथा केन्द्र शासित क्षेत्रों में अधिकारियों से प्रधानमंत्री के प्रचार वाले स्थानों के संबंध में प्रधानमंत्री कार्यालय को लेख देने को कहा था.
नीति आयोग के बुधवार को प्राप्त जवाब को एक निर्णय के लिए पूर्ण पीठ के समक्ष रखा गया है. चुनाव आयोग की इस पूरी कवायद का मकसद यह पता लगाना है कि कहीं आचार संहिता का उल्लंघन तो नहीं हुआ है.