कारगिल युद्ध में पराक्रम द‍िखाने वाली लखनऊ निवासी महिला फाइटर पायलट गुंजन सक्सेना के जीवन पर फ‍िल्‍म बनाई जाएगी

फिल्म उरी द सर्जिकल स्ट्राइक में आपने महिला फाइटर पायलट को हेलीकॉप्टर से कमांडो को पाकिस्तान की तरफ पहुंचाते देखा होगा। लेकिन, कम ही लोगों को मालूम है कि लखनऊ निवासी महिला फाइटर पायलट गुंजन सक्सेना ने पहली बार कारगिल युद्ध में अपने पराक्रम का परिचय दिया था। उस युद्ध में पहली बार किसी महिला फाइटर पायलट ने कमान संभाली थी।

कारगिल युद्ध के विषम हालात में दुश्मनों की गोलीबारी के बीच फ्लाइंग ऑफिसर लगातार 20 दिनों तक चीता हेलीकॉप्टर से उड़ान भरती रहीं। युद्ध में घायल जवानों को दुश्मनों के बेहद करीब से उठाकर हेलीपैड तक पहुंचाने में न जाने कितनी बार गुंजन ने मौत का सामना किया। दर्जनों जवानों की जान अपने प्राणों की बाजी लगाकर बचाई। लखनऊ से इस बेटी के जीवन पर आधारित फिल्म बन रही है। इसमें गुंजन सक्सेना का किरदार अदा कर रही हैं जाह्न्वी कपूर।

स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे दादा

दरअसल, फ्लाइट लेफ्टिनेंट गुंजन सक्सेना का लखनऊ से बहुत गहरा नाता रहा है। देश के प्रति कुछ कर गुजरने का जज्बा उनको विरासत में मिला। दादाजी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे और ब्रिटिश शासन में वे आजादी के आंदोलन के दौरान जेल गए।

पिता ने भी पाकिस्तान के खिलाफ लड़ी थी लड़ाई

गुंजन के पिताजी कर्नल एके सक्सेना ने वर्ष 1971 के भारत-पाक युद्ध में हिस्सा लेकर दुश्मनों के दांत-खट्टे किए थे। गुंजन के इकलौते बड़े भाई लेफ्टिनेंट कर्नल अंशुमल सक्सेना हैं, जबकि गुंजन के पति भी भारतीय वायुसेना में एक हेलीकॉप्टर यूनिट में जांबाज पायलट हैं।

कई शहरों में हुई पढ़ाई

पिता कर्नल एके सक्सेना अपनी सेवा के दौरान देश के विभिन्न हिस्सों में तैनात रहे। इस कारण गुवाहाटी में जन्मीं गुंजन की पढ़ाई झांसी, जबलपुर सहित देश के कई शहरों में हुई। जून 1996 में फ्लाइंग ऑफिसर के रूप में गुंजन सक्सेना ने शॉर्ट सर्विस कमीशंड हासिल किया था। उनकी यूनिट 1999 में श्रीनगर बेस पर थी। जबकि, उधमपुर से वे ऑपरेशन कर रही थीं।

पूरे इलाके से वाकिफ थीं गुंजन

सबसे पहले गोलीबारी की शुरुआत उनके ही कारगिल सेक्टर में हुई थी। उस समय फ्लाइंग ऑफिसर गुंजन सक्सेना ही थीं, जिनको पूरे इलाके की जानकारी थी। वे एकमात्र महिला पायलट थीं, जिनके नेतृत्व में घायल जवानों को गोलीबारी के बीच रणभूमि से लेकर अस्पतालों तक पहुंचाया जा सका। गुंजन सक्सेना ने वर्ष 2004 में वायुसेना से सेवानिवृत्ति ले ली थी।

बेटी को भी बनाना चाहती हैं पायलट

गुंजन की एक बेटी प्रज्ञा हैं, जो अब हाईस्कूल में हैं। प्रज्ञा को भी वे अपनी तरह फाइटर पायलट बनाना चाहती हैं।

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