दिल्ली में चुनाव नजदीक आते ही भारतीय जनता पार्टी दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के खिलाफ आक्रामक हो गई है। भाजपा उम्मीदवार हंसराज हंस को मुस्लिम बताने पर केजरीवाल के खिलाफ केंद्रीय मंत्री विजय गोयल और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने मंगलवार को धरना दिया। धरना प्रदर्शन दिल्ली के मंदिर मार्ग वाल्मीकि मंदिर के पास किया गया।
इस दौरान गोयल ने केजरीवाल के खिलाफ हमला बोला। उन्होंने कहा कि हंसराज हंस को मुस्लिम बताना वाल्मीकि समाज का अपमान है। विजय गोयल ने कहा कि इस मामले को लेकर भाजपा एसटी/एससी आयोग में केजरीवाल की शिकायत करेगी। वहीं रमन सिंह ने कहा कि संसद में सबसे ज्यादा दलित भाजपा से ही हैं। आम आदमी पार्टी के आरोपों पर वाल्मीकि समाज का गुस्सा जायज है
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ धरना प्रदर्शन के बाद केंद्रीय मंत्री विजय गोयल और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह वाल्मीकि मंदिर व मंदिर स्थित उस स्थान पर पहुचे जहा महात्मा गांधी ठहरे थे।
दरअसल दो मई को आम आदमी पार्टी ने उत्तर-पश्चिमी लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार गायक हंसराज हंस को मुस्लिम बताया था। एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली सरकार में कैबिनेट मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने कहा था कि दिल्ली की उत्तर- पश्चिमी लोकसभा सीट एससी के लिए रिजर्व सीट है। वहां से भाजपा ने जो प्रत्याशी खड़ा किया है, वह दरअसल एससी समुदाय का है ही नहीं। नामांकन पत्र में भाजपा के प्रत्याशी द्वारा कुछ जानकारियां छुपाई गई हैं।
उन्होंने दावा किया कि भाजपा के प्रत्याशी हंस राज हंस 20 फरवरी 2014 को धर्म परिवर्तन कर, इस्लाम कबूल कर चुके हैं। साक्ष्य प्रस्तुत करते हुए राजेन्द्र पाल गौतम ने बताया कि इस संबंध में देश के कई प्रतिष्ठित अखबारों में खबर छपी थी और विभिन्न मीडिया चैनलों पर इस संबंध में स्टोरी भी चलाई गई थीं।
राजेन्द्र पाल गौतम के अनुसार, धर्म परिवर्तन के बाद हंस राज हंस ने अपना नाम परिवर्तित करके मोहम्मद यूसुफ रख लिया है। हालांकि, उन्होंने कहा था कि मैंने धर्म परिवर्तन कर लिया है, परंतु मैं फ़िल्म इंडस्ट्री में अपने पुराने नाम से ही काम करता रहूंगा।
आम आदमी पार्टी के आरोपों से नाराज हंसराज हंस ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मानहानि का केस करने का ऐलान भी किया है। उऩ्होंने कहा था कि अरविंद केजरीवाल ने उनके साथ ही उनके समाज और भगवान वाल्मीकि का भी अपमान किया है। वह वाल्मीकि और दलित विरोधी हैं।