बिहार में लोकसभा चुनाव के पांचवे चरण में पांच सीटों (सोमवार को सीतामढ़ी, मधुबनी, मुजफ्फरपुर, सारण और हाजीपुर) पर मतदान छह मई को है। इसके लिए प्रचार शनिवार की शाम थम गया। रविवार को प्रत्याशी घर-घर जाकर मतदाताओं से समर्थन मांग रहे हैं। चुनाव आयोग की ओर से पांचवें चरण के मतदान की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। इस चरण में क्षेत्रफल के मामले में सीतामढ़ी सबसे बड़ा लोकसभा क्षेत्र है, वहीं वोटरों के मामले में हाजीपुर सबसे बड़ा और सारण सबसे छोटा लोकसभा क्षेत्र है।
पांचवें चरण में 82 उम्मीदवार मैदान
पांचवें चरण की जंग में 82 उम्मीदवार भाग्य आजमा रहे हैं। मुजफ्फरपुर से सबसे ज्यादा 22 तो हाजीपुर में सबसे कम 11 उम्मीदवार मैदान में हैं। पांचवें चरण में कुल 8899 मतदान केंद्र बनाए गए हैं।
कहीं आमने-सामने तो कहीं त्रिकोणीय मुकाबला
पांचवें चरण में सीतामढ़ी और मधुबनी को छोड़कर तीन सीटों पर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) और महागठबंधन के बीच आमने-सामने के मुकाबले की स्थिति बन रही है। सीतामढ़ी में जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के सुनील कुमार पिंटू और राष्ट्रीय जनतास दल (राजद) के अर्जुन राय के बीच माधव चौधरी त्रिकोण बनाने की कोशिश कर रहे हैं। वहीं, मधुबनी में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अशोक यादव, राजद के बद्री पूर्वे के अलावा कांग्रेस के बागी शकील अहमद हैं। मुजफ्फरपुर में भाजपा के अजय निषाद और विकासशील इंसान पार्टी (वीआइपी) से राजभूषण चौधरी, सारण में भाजपा के राजीव प्रताप रूड़ी और राजद के चंद्रिका राय, हाजीपुर में लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के पशुपति कुमार पारस और राजद के शिवचंद्र राम मुकाबले में हैं।
इन दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर
पांचवें चरण में चुनाव लडऩे वाले धुरंधरों के साथ विरासत सौंपने वाले दिग्गजों की प्रतिष्ठा भी दांव पर है। खास कर मधुबनी में पूर्व केंद्रीय मंत्री हुकुमदेव नारायण यादव, हाजीपुर में लोजपा सुप्रीमो रामविलास पासवान और सारण सीट पर राजद प्रमुख लालू यादव और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी की साख जुड़ी हुई है। दरअसल, मधुबनी से हुकुमदेव के बेटे अशोक यादव किस्मत आजमा रहे हैं। जबकि, हाजीपुर में रामविलास पासवान के छोटे भाई और बिहार सरकार के मंत्री पशुपति कुमार पारस सियासी समर में हैं। सारण संसदीय क्षेत्र से लालू प्रसाद यादव के समधी और तेजप्रताप यादव के ससुर चंद्रिका राय भाग्य आजमा रहे हैं।