न्यूयार्क : संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् की प्रतिबंध समिति ने बुधवार को आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना को वैश्विक आतंकवादी घोषित कर दिया। प्रतिबंध सूची में शामिल होने के बाद अब मसूद अजहर पर यात्रा और हथियार आपूर्ति सम्बन्धी रोक लग गई है तथा उसकी संपत्ति जब्त की जा सकेगी। भारत ने संयुक्त राष्ट्र की ओर से मसूद को वैश्विक आतंकवादी घोषित किए जाने का स्वागत करते हुए इसे सही दिशा में उठाया गया एक कदम बताया। भारत के अनुसार इस कदम से आतंकवाद और उसे शह देने वाले तत्वों से लड़ने का अंतरराष्ट्रीय विरादरी का संकल्प उजागर होता है। विदेश मंत्रालय की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार भारत ने संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबंध समिति के समक्ष मसूद अजहर और जैश-ए-मोहम्मद के खिलाफ सूचनाएं रखी थी। समिति ने इन्हीं सूचनाओं के आधार पर प्रतिबंध संबंधित फैसला किया जो आतंकवाद के बारे में भारत की राय के अनुरूप है।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत अंतरराष्ट्रीय मंचों के जरिए आतंकवादी संगठनों और उनके नेताओं के खिलाफ मुहिम जारी रखेगा ताकि वह कोई नुकसान न पहुंचा सकें। साथ ही आतंकवादियों को कानून के कटघरे में खड़ा करने की मुहिम भी जारी रहेगी। अलकायदा और इस्लामिक स्टेट से जुड़े आतंकवादियों और आतंकी संगठनों के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र की प्रतिची में शामिल होने वाला मसूद अजहर 422वां आतंकवादी या संगठन है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय आतंकवादियों के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 1999, 2011 और 2015 में व पारित किए थे। नवीनतम प्रस्ताव वर्ष 2017 में प्रस्ताव संख्या 2368 के रूप में पारित हुआ था, जिसके आधार पर मसूसद अजहर को वैश्विक आतंकवादी सूची में शामिल किया गया।
प्रतिबंध समिति की आधिकारिक विज्ञप्ति में मसूद अजहर का पूरा नाम मोहम्मद मसूद अजहर अल्वी है और उसकी राष्ट्रीयता पाकिस्तानी और वह पाकिस्तान के पंजाब प्रान्त के बहावलपुर का रहने वाला है। प्रतिबंध समिति ने आतंकी सूची में अजहर का नाम शामिल किए जाने के कारण के बारे में कहा कि वह अलकायदा से जुड़ा है और जैश-ए-मोहम्मद के माध्यम से आतंकवादी वारदातों को अंजाम देता है। वह आतंकवादी संगठन में लोगों की भर्ती करता है और आतंकवादियों को हथियार मुहैया कराता है। संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंध समिति ने मसूद अजहर के संक्षिप्त जीवन परिचय में कहा कि वह 10 जून या 10 जुलाई,1968 को पैदा हुआ था। उसने भारतीय जेल से रिहा होने के बाद वर्ष 1999 में जैश-ए-मुहम्मद संगठन की स्थापना की थी। इंडियन एयरलाइन्स के विमान का अपहरण करके अफ़ग़ानिस्तान के कंधहार ले लाये जाने के बाद 155 बंधकों के एवज में उसे रिहा किया गया था। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् ने वर्ष 2001 में जैश-ए-मुहम्मद को अलकायदा, ओसामा बिन लादेन और तालिबान से सम्बन्ध रखने के कारण प्रतिबंधित कर दिया था। अजहर हरकत उल मुजाहिदीन और हरकत उल अंसार से भी जुड़ा था, बाद में ये संगठन जैश में शामिल हो गए।