सीएमएस द्वारा 50,000 रूपये के नगद पुरस्कार से किया जायेगा सम्मानित
लखनऊ : सिटी मोन्टेसरी स्कूल, गोमती नगर (प्रथम कैम्पस) की कक्षा 12 की छात्रा अपूर्वा चौहान ने मलेशिया में आयोजित ए.बी.आर.एस.एम. हाई स्कोरर कन्सर्ट में वेस्टर्न म्यूजिक (ओपेरा गायन) में सर्वोत्कृष्ट प्रदर्शन कर देश का नाम रोशन किया है तथापि इस उपलब्धि हेतु अपूर्वा को मलेशिया की राजधानी कुआलालम्पुर में आयोजित एक भव्य सम्मान समारोह में ए.बी.आर.एस.एम. लेविल 4 डिप्लोमा प्रदान कर सम्मानित किया गया है। अपूर्वा इस उपलब्धि को हासिल करने वाली सबसे कम उम्र की भारतीय है, जिसने ओपेरा गायन में इटली की सेसीलिया बार्टोली, अमेरिका की रेनी फ्लेंमिग एवं स्पेन की मॉटसेरॉट कैबले जैसी विश्वविख्यात गायिकाओं की सूची में अपना नाम दर्ज कराया है। इस ऐतिहासिक उपलब्धि हेतु अपूर्वा को आगामी 10 मई को सी.एम.एस. गोमती नगर (द्वितीय कैम्पस) ऑडिटोरियम में आयोजित सी.एम.एस. के ‘गोल्डेन जुबली समारोह’ में 50,000 रूपये के नगद पुरस्कार से सम्मानित किया जायेगा। सी.एम.एस. संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद् डा. जगदीश गांधी ने इस प्रतिभाशाली छात्रा की उपलब्धि पर हार्दिक प्रसन्नता व्यक्त करते हुए उसे उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दी है।
सी.एम.एस. के मुख्य जन-सम्पर्क अधिकारी श्री हरि ओम शर्मा ने बताया कि सी.एम.एस. गोमती नगर (प्रथम कैम्पस) की इस प्रतिभाशाली छात्रा ने अभी हाल ही में एसोसिएटेड बोर्ड ऑफ रायल स्कूल ऑफ म्यूजिक (एबीआरएसएम), लंदन के तत्वावधान में अखिल भारतीय स्तर पर आयोजित वेस्टर्न म्यूजिक (ओपेरा गायन) परीक्षा में सारे देश में टॉप किया है। इससे पहले, अपूर्वा वर्ष 2017 में बेंगलुरू में आयोजित इंडिया नेशनल यूथ आर्केस्ट्रा एंड कोरस एवं वियना यूनिवर्सिटी आर्केस्ट्रा एवं क्वायर के संयुक्त संगीत कार्यक्रम में सबसे कम उम्र की गायिका के रूप में प्रदर्शन कर चुकी है। इसके अलावा, अगस्त 2018 में इंडिया हैबिटेट सेंटर, दिल्ली में आयोजित बर्कले कालेज ऑफ म्यूजिक, बोस्टन, यूएसए के संगीत कार्यक्रम में भी अपूर्वा चयनित हो चुकी है। श्री शर्मा ने बताया कि अपूर्वा सी.एम.एस. गोमती नगर (प्रथम कैम्पस) की बेहद होनहार छात्रा है जो बड़ी ही सहजता के साथ पांच भाषाओं – इतालवी, अंग्रेजी, फ्रेंच, जर्मन और हिंदी में मनमोहक ढंग से गाती है। अपूर्वा ने 3 वर्ष की उम्र से ही भारतीय शास्त्रीय संगीत का प्रशिक्षण प्रारम्भ कर दिया था तथापि वर्ष 2014 में उसने पश्चिमी शास्त्रीय संगीत में महारत हासिल करने हेतु ए.बी.आर.एस.एम. से जुड़ी एवं 2 वर्षों में ही पश्चिम संगीत में महारत हासिल कर अपनी गायन प्रतिभा का प्रदर्शन प्रारम्भ कर दिया।