17वीं लोकसभा में जाने के लिए बिहार में चार दिग्गज कुंवारे भी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। वे राजनीतिक भविष्य संवारने के बाद ही गृहस्थी बसाने के मूड में हैं। ऐसे दिग्गजों में लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष चिराग पासवान, बेगूसराय से भारतीय कम्युनिष्ट पार्टी (भाकपा) के कन्हैया कुमार, पूर्वी चंपारण से राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) के आकाश कुमार सिंह जैसे युवा उम्मीदवार शामिल हैं। चुनाव मैदान में ताल ठोक रहे एक और कुंवारे जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के भागलपुर से उम्मीदवार अजय मंडल भी हैं।
कन्हैया कुमार: चुनाव बाद कर सकते विवाह
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष एवं प्रधानंत्री नरेंद्र मोदी व भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ स्थापित चेहरा बनकर उभरे भाकपा के नेता कन्हैया कुमार बेगूसराय से ताल ठोक रहे हैं। बिहार से चुनाव लड़ रहे कुंवारों में शामिल कन्हैया के क्षेत्र में मतदान हो चुका है। अब देखना है कि जनता उन्हें हरी झंडी दिखाती है या कि नहीं।
जेएनयू में रहते कन्हैया पर देशद्रोह का आरोप लगा है। इसके बाद वे सुर्खियों में आए। फिलहाल यह मामला अदालत में है। भाकपा कन्हैया के साथ बिहार में वामपंथ के उत्थान की उम्मीद में है। बेगूसराय में उनका मुकाबला भाजपा के फायरब्रांड नेता गिरिराज सिंह से है। इस चुनावी जंग पर देश-दुनिया की नजर है।
कन्हैया 32 साल के हैं। कॅरियर के साथ शादी की उम्र भी हो गई है। इस चुनाव में कन्हैया के कंधों पर वामपंथ का बोझ आ गया है। यह बोझ उतरे तो शायद गृहस्थी का बोझ संभालें।
चिराग पासवान: माता-पिता चाहते अब हो जाए शादी
लोजपा सुप्रीमो रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान पिछली बार अपने पहले ही दांव में संसद पहुंच गए। इस बार दोबारा जमुई से लोजपा के उम्मीदवार रहे। उनके साथ पिता की साख दांव भी पर है। हाथों में पार्टी का कमान आने के साथ ही माना जा रहा है कि चिराग पिता की विरासत संभाल चुके हैं।
चिराग के क्षेत्र जमुई में मतदान हो चुका है। उनके मुकाबले में रालोसपा के भूदेव चौधरी हैं। भूदेव 2009 में जमुई से सांसद रह चुके हैं।
मां की इच्छा है कि चिराग इस साल सेहरा बांध लें। संभव है कि अगले लगन-मुहूर्त में शहनाई बजे। रामविलास पासवान पहले ही इसका इशारा कर चुके हैं। एक साक्षात्कार में रामविलास पासवान बेटे के लिए कह चुके हैं, ”37 की उम्र हुई, एक बार सांसद भी रह चुके हैं, पिता की राजनीतिक विरासत है। चिराग को अब और क्या चाहिए! बस, एक दुल्हन।”
आकाश कुमार सिंह: ताल ठोक रहे सबसे कम उम्र के कुंवारे
पूर्वी चंपारण से ताल ठोक रहे 27 साल के आकाश कुमार सिंह चुनावी मैदान में कूदे सबसे कम उम्र के कुंवारे हैं। रालोसपा को उनमें संभावना नजर आई होगी, तभी तो दिग्गज भाजपाई व केंद्रीय मंत्री राधामोहन सिंह के मुकाबले उन्हें मैदान में उतार दिया है। पूर्वी चंपारण (पहले मोतिहारी) से पांच बार सांसद रह चुके राधामोहन सिंह 69 वसंत देख चुके हैं। जबकि, आकाश का यह पहला चुनाव है।
आकाश के पिता अखिलेश सिंह पूर्व केंद्रीय मंत्री व अभी प्रदेश कांग्रेस चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष हैं। राजनीति विरासत में मिली है। अब देखना है कि आकाश यह विरासत आगे बढ़ाते हुए बतौर सांसद बनने के बाद दूल्हा बनते हैं या नहीं।
अजय कुमार मंडल: 41 की हुई उम्र, अब बसाएंगे घर
भागलपुर को फतह करने की जिम्मेदारी जदयू ने अजय कुमार मंडल को सौंपी है। 41 वर्ष की उम्र में भी अजय अविवाहित हैं, जबकि विधानसभा में उनकी तीसरी पारी है। पिछले विधानसभा चुनाव में वे नाथनगर से विजयी रहे थे। लोकसभा के लिए इस बार उनका पहला मुकाबला है।
उनके क्षेत्र भागलपुर में मतदान हो चुका है। उनका मुकाबला राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के निवर्तमान सांसद शैलेश कुमार उर्फ बुलो मंडल से है। मंडल बनाम मंडल की इस जंग में अब का नतीजा जानने के लिए मतगणना तक का इंतजार करना होगा।
माना जा रहा है कि अजय कुमार मंडल भी चुनाव के बाद अपना घर बसा सकते हैं। आखिर 41 की उम्र कम नहीं होती। राजनीति में इस उम्र के कुंवारे कम ही मिलेंगे।