उप्र अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन तनवीर उस्मानी का निधन

कानपुर : उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन तनवीर हैदर उस्मानी का सोमवार को कानपुर के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। वह काफी दिनों से बीमार थे और एक सप्ताह से अस्पताल में भर्ती थे। भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी के करीबी थे। प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद पिछले वर्ष छह फरवरी को तनवीर हैदर उस्मानी को उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक आयोग का चेयरमैन बनाया गया था। अपने पीछे वह दो बेटे अनज उस्मानी, असद उस्मानी और एक बेटी साइमा उस्मानी को छोड़ गये हैं। ईदगाह कब्रिस्तान में रात में उनको सुपुर्द ए खाक किया जाएगा। बेटे अनज उस्मानी ने बताया कि पिता काफी दिनों से बीमार थे और उनका इलाज चल रहा था। एक सप्ताह पहले उनकी तबियत अधिक खराब हुई तो अस्पताल में भर्ती कराया गया। उन्हें निमोनिया था, जिससे किडनी में भी दिक्कत आ गयी थी। किडनी में समस्या के कारण भर्ती उस्मानी को अचानक दो बार कार्डियक अरेस्ट भी हुआ, जिससे आज उनका निधन हो गया। करीबियों के आने के बाद उनको सुपुर्दे खाक किया जाएगा।

पत्रकारिता से शुरु किया था कैरियर

बेटे के मुताबिक, राजनीति में आने से पहले उन्होंने अपना कैरियर कानपुर के एक प्रतिष्ठित हिन्दी अखबार से शुरु किया था और लालकृष्ण अडवाणी से प्रभावित होकर राजनीति में आये थे। 63 वर्षीय उस्मानी इस अखबार में 1974 से 1994 तक संवाददाता रहे। लालकृष्ण अडवाणी से नजदीकी होने के चलते भाजपा से वर्ष 1994 में विधान परिषद के लिए निर्वाचित हुए। वर्ष 2000 तक भाजपा के एमएलसी रहने के बाद वह 2002 में भाजपा के अल्पसंख्यक मोर्चे के राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने गए। इस पद पर वह 2008 तक रहे। इस दरम्यान लालकृष्ण आडवाणी, वेंकेया नायडू और राजनाथ सिंह जैसे तीन वरिष्ठ नेताओं के भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष होने के दौरान भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चे के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे। वर्ष 2008 के बाद वह भाजपा की राष्ट्रीय कार्यसमिति में सदस्य भी रहे। इसके बाद राज्यपाल द्वारा अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद में नामित सदस्य भी बने और अंतिम समय तक बने रहे।

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