अपने में मस्त रहने वाले और बिंदास दिल्ली के तिलक नगर के रिपु दमन हांडा के घर में ज्यादातर लोग डॉक्टर थे. उन्हें खुद को साबित करने का जुनून था. एक दिन पता चला कि एक रियलिटी शो के लिए पीतमपुरा में ऑडिशंस चल रहा है. बस, वे वहां पहुंच गए. यही कोई 7,500 बड़ी उम्र की औरतें कतार में थीं.
22 वर्षीय हांडा हर आंटी को अपने से आगे भेजते रहे और जब उनका नंबर आया तो वे ऑडिशन देने वाले आखिरी शख्स थे. अंदर गए तो सेलेक्शन हो गया और उनकी पूरी जिंदगी ही बदल गई. यह ऑडिशन मास्टरशेफ इंडिया के लिए था. हांडा कहते हैं, ‘‘हमारे घर के ज्यादातर लोगों को खाने-बनाने का शौक है तो मैंने भी मम्मी से सीखा. कोई ट्रेनिंग नहीं थी. सोचा नहीं था कि मैं शो जीत जाऊंगा.’’ हांडा शनिवार और रविवार को गुरुद्वारे में सेवा करते थे और वहां लंगर में हाथ बंटाया करते थे.
हांडा ने शो का तीसरा सीजन जीता. उन्हें एक करोड़ रु. मिले और करियर की दिशा ही बदल गई. वे बताते हैं, ‘‘पैसे तो मैंने मम्मी को दे दिए. मुझे खुद को साबित करना था, वह मैंने कर दिखाया.’’ अब वे एक जाना-पहचाना नाम हैं. मास्टरशेफ जूनियर की ऐंकरिंग कर चुके हैं. नच बलिए में सेलिब्रिटी गेस्ट के तौर पर शिरकत कर चुके हैं. इन दिनों ज़ी खाना खजाना पर स्नैक अटैक, फिरंगी ट्विस्ट कर रहे हैं.
ऐसी ही कहानी,कौन बनेगा करोड़पति-6 का पांच करोड़ रु. का इनाम जीतने वाली सनमीत कौर साहनी की भी है. वे केबीसी की हॉट सीट पर बैठीं और तभी उठीं जब उन्होंने पांच करोड़ रु. के लक्ष्य को हासिल कर लिया. सनमीत कहती हैं, ‘‘पहले जीवन सोने जैसा चल रहा था, लेकिन अब सोने पर सुहागा हो चुका है. दुनियाभर में पहचान बन गई है.’’ सनमीत के पति मनमीत ऐक्टर हैं. सनमीत ने जीत की रकम से खुद का घर खरीद लिया है. कुछ पैसा बच्चों के भविष्य के लिए रख लिया है.
उन्होंने डिजाइनर ब्रांड फिरदेसी की शुरुआत भी की है. इसके लिए वे अपनी पार्टनर के साथ दिल्ली में बुटीक भी शुरू कर रही हैं. वे कहती हैं, ‘‘मुझे उस समय बेहद खुशी होती है जब कनाडा से फोन आता है
और मुझसे इस बारे में पूछा जाता है. यही नहीं, अब तो महीने में एक-दो बार कहीं-न-कहीं जाना ही पड़ता है.’’
लिटी शो न सिर्फ आम लोगों के लिए उनके ख्वाबों को पूरा करने का जरिया बन रहे हैं, बल्कि ऐसे लोगों के अपने मुकाम को छूने पर उन्हें मिसाल के तौर पर भी पेश कर रहे हैं. उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के संसारपुर गांव की फिरोज फातिमा ने केबीसी-7 में एक करोड़ रु. जीतकर न सिर्फ अपने जीवन को आसान बनाने का काम किया बल्कि अपने गांव में भी वे एक मिसाल बन गई हैं. फातिमा का मानना है कि जिंदगी की बुनियादी बातें तो वही रहती हैं लेकिन लोगों के नजरिए में बदलाव आ जाता है.
वे कहती हैं, ‘‘हमारे गांव में लड़कियों की शिक्षा को लेकर सोच बदली है. अब लोग समझने लगे हैं कि लड़कियों को पढ़ाने का भी फायदा है. जो लोग यह कहते थे कि पढ़कर तुमने क्या कर लिया, अब उनकी सोच बदली है.’’ पुरस्कार की राशि ने उनकी आर्थिक दिक्कतों को कम कर दिया है और वे इन दिनों यूपीएससी की तैयारी कर रही हैं. वे बताती हैं, ‘‘वालिद साहब तो हैं नहीं. आज भी अम्मी ही घर की सारी देखभाल करती हैं.’’ घर में उनके और उनकी अम्मी के अलावा एक बहन भी है. फातिमा मानती हैं कि वे सेलिब्रिटी बन चुकी हैं. लेकिन सबसे बड़ी खुशी उन्हें गांव में अपने खोए सम्मान को दोबारा हासिल करने की है.
2012 में इंडिया’ज गॉट टैलेंट-4 को जीतने वाले दो छोटे डांसर 15 वर्षीय सुमंत और 9 वर्षीय सोनाली मजूमदार की कहानी भी कम दिलचस्प नहीं है. कोलकाता की विभास डांस एकेडमी के इन दो बच्चों ने बड़ों-बड़ों से लोहा लिया और 50 लाख रु. का पुरस्कार जीता. इसके बाद सेलिब्रिटी शो झ्लक दिखला जामें दोनों ने सबके छक्के छुड़ाए. कोलकाता के दोनों बच्चे आज बड़े-बड़े प्रोग्राम्स में परफॉर्म करते हैं.
नौ साल के अक्षत सिंह अक्षत ने इइंडिया’ज गॉट टैलेंट में सबको अपने डांस से हैरान कर दिया. वे शो नहीं जीते लेकिन लोगों का दिल जीत लिया. अक्षत के डांस और उसकी लोकप्रियता को देखते हुए अमेरिकी शो द एलन डीजेनरेस ने शो में शामिल होने को न्योता दिया. इन दिनों वे झलक दिखला जा-7 में छाए हुए हैं.
बदलते दौर के साथ रियलिटी शो नई पीढ़ी को करियर में आगे बढऩे के मौके तो दे ही रहे हैं, उन्हें शोहरत की बुलंदियों तक भी पहुंचा रहे हैं.